कोल इंडिया श्रमिकों का समझौता क्यों नहीं हो रहा है लागू? बढ़ रहा है आक्रोश

3 जनवरी को वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर बनी थी सहमति। केंद्र सरकार नहीं लगा रही मुहर। अधिकारियों की आपत्ति है कि गैर अधिकारियों (श्रमिकों) का वेतन अधिकारियों से अधिक न हो।

कोयला मज़दूरों के 11 वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर बनी सहमति को तीन सप्ताह गुजर चुके हैं। लेकिन मामला अभी भी लटका है। इससे श्रमिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

ज्ञात हो कि 3 जनवरी को संयुक्त द्विपक्षीय समिति (जेबीसीसीआई) की 8वीं बैठक में 11वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी न्यूनतम गारंटीड लाभ (एमजीबी) पर सहमति बनी थी। कोल इंडिया प्रबंधन ने कोल मंत्रालय को इस हेतु सिफारिश भेजी।

कोल मंत्रालय ने 10 जनवरी को इस पर स्वीकृति प्रदान करने हेतु डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) को प्रस्ताव प्रेषित किया। जहाँ मामला लटका हुआ है। बताया जाता है कि कोल मंत्रालय ने एक संयुक्त सचिव को इस मामले को देखने लिए कहा है।

वहीं अधिकारियों के संगठन के अनुसार 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृत किया जाता है तो ग्रेड एक वन कोल कर्मियों का वेतन अधिकारियों के ग्रेड ई 4 से अधिक हो जाएगा। जबकि 10वें वेतन समझौते के बाद ग्रेड ए वन का वेतन ई 2 से कम था।

सरकारी पेंच में मामला अटका है

अब खबर आ रही है कि डीपीई में 19 फीसदी एमजीबी देने का मामला लटक सकता है। इसको लेकर संशय की स्थिति बन रही है। सूत्रों की मानें तो डीपीई 19 फीसदी एमजीबी को लेकर सहमत नहीं है। कोयला मंत्रालय ने जरूर अपने संयुक्त सचिव भबानी प्रसाद पति को मामले को लेकर डीपीई के साथ लाइजिनिंग के लिए लगा रखा है।

दरअसल डीपीई की छूट के बगैर 19 प्रतिशत एमजीबी पर सहमति बनाई है। कहा जा रहा है कि जब तक अति उच्च स्तर का हस्तक्षेप नहीं होगा डीपीईसे स्वीकृति मिलना मुश्किल है।

गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में है। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय सीधे तौर पर कोयला मंत्रालय की बात नहीं सुनेगा। पीएमओ हस्तक्षेप के बाद ही कुछ बात बन सकती है। उधर श्रमिक संगठन भी डीपीई पर दबाव बनाने में जुट रहे हैं।

अधिकारी नाराज: श्रमिकों का वेतन अधिकारियों से अधिक कैसे?

कोल माइंस अफसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआई) डीपीई की गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने की मांग कर रहा है। वेतन विसंगति को लेकर सवाल उठाते हुए पत्राचार कर रहा है। संगठन का कहना है कि गैर अधिकारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए।

अधिकारी संगठन का कहना है कि गैर अधिकारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए। 19 फीसदी एमजीबी को स्वीकृति मिलती है तो गैर अधिकारियों के ग्रेड ए वन का बेसिक 71,031 हो जाएगा, जो कि अधिकारियों के ई 4 के बेसिक 70,000 से अधिक हो जाएगा।

जबकि 10वें वेतन समझौते के बाद ग्रेड ए वन का वेतन ई टू से कम था। कोल माइंस अफसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआई) डीपीई की गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने की मांग कर रहा है। संगठन का कहना है कि वेतन विवाद खत्म नहीं किया तो यह उनके साथ अन्याय होगा।

बढ़ रहा है श्रमिकों में आक्रोश

कोल इंडिया मजदूर पहले ही माँग से 31 प्रतिशत एमजीबी कम मिलने से आक्रोश में है। यूनियन ने 50 प्रतिशत एमजीबी का प्रस्ताव दिया था, जो 19 प्रतिशत पर आ गया। इसके बावजूद इस कम राशि के समझौते के भी लागू न होने से आक्रोश काफी तीखा होने लगा है।

उधर मामला फंसता देख कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों ने भी आपस में मंत्रणा शुरू कर दी है। प्रबंधन पर कैसे दबाव बनाकर अधिसूचना जारी कराया जाए, इसको लेकर सभी अपने-अपने स्तर से प्रयास करने में लगे है।

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