मध्यप्रदेश: सरकार की वायदाखिलाफी; संविदा विद्युत कर्मचारी बेमियादी कार्य बहिष्कार पर

आउटसोर्स और संविदा के सभी संगठनों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया है। मांग पूरी नहीं हुई तो अन्य संगठन भी आंदोलन में शामिल होंगे। इमरजेंसी कार्य भी रुकेगा।

विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत समस्त आउटसोर्स कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने के चलते अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। कर्मचारी विभागीय संविलियन करने, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, वेतन वृद्धि ,दुर्घटना बीमा सहित वर्षों से लंबित अन्य मांगे पूरी ना होने से नाराज हैं। विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। जहां डेंजर रोड स्थित अभियंता कार्यालय के समीप विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे।

जिले के लगभग 800 कर्मचारियों ने वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जहां उन्होंने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उन से किए गए वादों को पूरा ना करने, भाजपा जनसंकल्प 2013 को पूर्ण ना करने और 6 जनवरी को दिए गए आश्वासन को अब तक पूरा न किए जाने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कार्य का बहिष्कार कर 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। जिसमें उन्होंने मांग पूरी ना होने तक उनका यह आंदोलन जारी रखने और दोबारा किसी के आश्वासन पर उनका यह आंदोलन समाप्त ना करने की चेतावनी दी है। जिन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यदि 2 दिनों के भीतर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती,तो विद्युत विभाग में कार्यरत अन्य कर्मचारी और समस्त संगठन भी उनकी इस हड़ताल में शामिल होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ जिला अध्यक्ष हुकुम सिंह यादव ने बताया कि विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 6 जनवरी से कार्य का बहिष्कार कर आंदोलन करने का ऐलान किया था। उस समय हमें ऊर्जा विभाग प्रशासनिक अधिकारियों ने 15 दिनों के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 दिन की समय सीमा पूरी होने के बावजूद भी उनका दिया गया आश्वासन पूरा नहीं किया गया।

जिसके चलते आउटसर्स और संविदा के सभी अधिकारी कर्मचारी संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन कार्य का बहिष्कार कर आंदोलन किया जा रहा है। यदि समय रहते मांग पूरी नहीं होती तो अन्य संगठन भी इस आंदोलन में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि हमारा यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती, यह आंदोलन किसी आश्वासन पर टाला नहीं जाएगा और इस दौरान यदि कोई इमरजेंसी कार्य भी आता है तो उस कार्य को भी कर्मचारी नहीं करेंगे।

दैनिक भास्कर से साभार

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