भारत सहित वैश्विक स्तर पर हर दिन 1,600 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों की हुई छँटनी

नवंबर 2022 में सबसे अधिक तकनीकी सेक्टर में छंटनी देखने को मिली। जिसने भारत और वैश्विक स्तर पर 2,017 कंपनियों के करीब 51,800 कर्मचारियों का रोज़गार छीन लिया था।

2023 आईटी कर्मचारियों के लिए मंदी का भयानक दौर लेकर आया है। जनवरी के पहले कुछ हफ्तों में ही 101 कंपनियों ने वैश्विक स्तर पर 25,436 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।

पीडब्ल्यूसी स्टार्टअप डील ट्रेकर के द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार, इस साल भारत में और वैश्विक स्तर पर हर दिन लगभग 1,600 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों को काम से निकाला गया है।

ज्ञात हो कि 2023 की शुरुआत में ही ई-कॉमर्स की प्रमुख कंपनी अमेज़ॅन ने लगभग 18,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। जिसमें से भारत में लगभग 1,000 कर्मचारियों की छंटनी की गयी है। यह अमेज़न की सबसे बड़ी छंटनी है।

वहीं 2022 में दुनिया भर में लगभग 1,024 टेक कंपनियों, जिनमें बड़ी टेक फर्म और स्टार्टअप ने 1,54,336 कर्मचारियों की छंटनी की, जो तकनीकी के क्षेत्र में इस एक दशक की सबसे ज्यादा छंटनियों को दर्शाता है।

पिछले साल हुई छंटनियों की संख्या पुराने सभी रिकॉर्डों को पार कर गई है।  जिसका सीधा प्रभाव सीधा खुदरा, उपभोक्ता, परिवहन और वित्त से संबंधित तकनीकी कंपनियों के कर्मचारियों पर पड़ा।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक नवंबर 2022 में सबसे अधिक तकनीकी सेक्टर में छंटनी देखने को मिली। जिसने भारत और वैश्विक स्तर पर 2,017 कंपनियों के करीब 51,800 कर्मचारियों का रोज़गार छीन लिया था। वहीं कोरोना महामारी के शुरुआती साल 2020 के पहले तीन महीनों में 428 तकनीकी कंपनियों ने कम से कम 60,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।

Laoff.fyi के आंकड़ों के अनुसार, उसके बाद, छंटनी न्यूनतम स्तर तक कम हो गई थी, लेकिन 2022 की पहली तिमाही के बाद से मंदी के किसी भी संकेत के बिना ही तकनीकी कंपनियों ने छंटनी की संख्याओं में तेज़ी से इजाफा किया।

सोमवार को शेयरचैट और डंजो ने क्रमशः 250 और 100 कर्मचारियों को ऐसे समय में निकाला, जब उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियां आर्थिक मंदी और आर्थिक मंदी से जूझ रही हैं।

कैब एग्रीगेटर और इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता ओला ने भी पिछले सप्ताह सभी कार्यक्षेत्रों में कम से कम 200 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। सॉफ्टबैंक समर्थित मोबिलिटी कंपनी ने इससे पहले पिछले साल 1,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया था।

LEAD, एक एडटेक यूनिकॉर्न ने अपने उत्पाद और तकनीकी टीमों से लगभग 6 महीने के अंदर अपनी दूसरी लागत-कटौती की कवायद में लगभग 60 कर्मचारियों को निकाल दिया।

गौरतलब है कि हायरिंग विशेषज्ञों का मानना है कि 2023 के मध्य तक, डिजिटल स्पेस में कंपनियां अपनी विकास योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए हायरिंग पर वापस जा सकती हैं।

वर्कर्स यूनिटी से साभार

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