राजस्थान: 53 साल पहले का जालिमाना दिन, जब पुलिसिया दमन के शिकार हुए थे किसान-मजदूर

आंदालेन के दौरान 7 जनवरी 70 को संगरिया, चूरू, भादरा में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग की जिसमे संगरिया में 5, भादरा में 1 एवं चूरू में 2 आंदोलनकारियों की शहादत हुई।

वहीं 7 जनवरी 1970 को किसान आंदालेन में शहीद हुए किसानों, मजदूरों की शहादत के 53 वर्ष पूरे होने के दिन शहीद स्मारक, नगरपालिका पार्क में क्षेत्र के किसानों मजदूरों ने किसान आन्दोलन के शहीद अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा अमर शहीदों का नाम रहेगा के नारों के साथ श्रद्धांजलि दी। खेती बचाओ किसान बचाओ मोर्चा प्रवक्ता प्रो. ओम जांगू ने 1969 के ऐतिहासिक किसान आंदालेन की पृष्ठ भूमि की चर्चा करते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया सरकार द्वारा राजस्थान नहर में भूमि नीलामी द्वारा विक्रय करने के निर्णय के विरोध में अनूपगढ़ से किसान आंदोलन शुरू हुआ, जो श्रीगंगानगर, चूरू जिले सहित बड़े क्षेत्र में फैल गया।

इस आंदोलन में किसान, मजदूर, व्यापारी विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भूमि नीलामी रोकने की मांग की। आंदालेन के दौरान 7 जनवरी 70 को संगरिया, चूरू, भादरा में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग की जिसमे संगरिया में 5, भादरा में 1 एवं चूरू में 2 आंदोलनकारी किसानों की शहादत हुई।

इस मौके पर पूर्व सरपंच राजेंद्र लूना, श्योपत सिंह मक्कासर, हेतराम बेनीवाल, प्रो. केदार, गुरदयाल सिंह, योगेंद्र हांडा के किसान हित में किए बलिदानों को याद किया। रमेश भादू नगराना ने राजस्थान नहर क्षेत्र में 1 लाख से अधिक किसानों को आवंटित कृषि भूमि को इन शहीदों के बलिदान की ताकत को बतलाया। सभा को नहर अध्यक्ष केसी गोदारा, श्योपत चाहर, विजय बेनीवाल आदि ने भी संबाेधित किया।

दैनिक भास्कर से साभार

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