पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारी साल 2023 को बनयेंगे संघर्ष का साल, छेड़ेंगे मुहिम

कर्मचारी सरकार के खिलाफ साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे है। इसमें वह उप्र समेत पूरे देश में पुरानी पेंशन को मुद्दा बनाना चाहते है।

पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी साल 2023 को संघर्ष के साल की तरह मनाएंगे। इसमें सड़क से लेकर कर्मचारी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ेंगे। पिछले दिनों कर्मचारियों की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन की हमारी मांग को सरकार लगातार नजरअंदाज करते रही है। इसके अलावा कैश लेस सिस्टम भी अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है। सरकार ने इसमें वाहवाही तो लूट ली है लेकिन सही मायने में कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के 200 से ज्यादा विभागों में आंदोलन की धार को तेज किया जाएगा। इस दौरान सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार से सवाल होंगे। कर्मचारियों के साथ जो धोखे हुए हैं, उनके खिलाफ

इसके लिए गूगट मीट करके कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकार तक अपना विरोध पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर, यूट्यूब में ब्लाक स्तर तक के कार्मिकों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी। महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि नव वर्ष की शुरूआत से ही राज्य कर्मचारी संयुक्त सोशल मीडिया ग्रुप जैसे ट्विटर, यूट्यूब में ब्लाक स्तर तक अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज कराएगा। ट्विटर, यूट्यूब के माध्यम से राज्य कर्मचारी सीधे सरकार से संवाद कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। जनवरी से शुरू होने वाला आन्दोलन दिसम्बर 2023 तक अपने चरम पर होगा।

जानकारों का कहना है कि कर्मचारी सरकार के खिलाफ साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे है। इसमें वह उप्र समेत पूरे देश में पुरानी पेंशन को मुद्दा बनाना चाहते है। बताया जा रहा है कि कई प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होने के बाद बीजेपी शासित राज्य और केंद्र सरकार पर भी प्रेशर है। इसकी वजह से यह परेशानी आ रही है।

दैनिक भास्कर से साभार

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