सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस पर मनरेगा मज़दूर यूनियन ब्लाक कमेटी का सम्मेलन सम्पन्न

इस दौरान सावित्रीबाई फुले को याद किया गया, मनरेगा मज़दूरों की माँगें उठीं, संयुक्त सड़क सुरक्षा मंच के समर्थन में धरना दिया और मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन भेज गया।

चीका, कैथल (हरियाणा)। देश की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस 3 जनवरी पर मनरेगा मजदूर यूनियन (1943) के गुहला ब्लॉक कमेटी का दूसरा सम्मेलन स्थानीय वाल्मीकि धर्मशाला अंबेडकर भवन में आयोजित हुआ। साथ ही संयुक्त सड़क सुरक्षा मंच के समर्थन में धरना दिया। मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम मार्फत एसडीएम प्रतिनिधि तहसीलदार को सौंपा गया।

सम्मेलन में यूनियन के राज्य प्रधान कामरेड नरेश कुमार जिला प्रधान कामरेड जोगिंदर सिंह, कुरुक्षेत्र के जिला प्रधान कामरेड मेवा राम जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य प्रधान कामरेड फूल सिंह एवं महासचिव कामरेड सुदेश कुमारी एडवोकेट विशेष रूप से शामिल हुए। सम्मेलन की अध्यक्षता यूनियन के जिला प्रधान कामरेड जोगिंदर सिंह ने की और संचालन जिला सचिव सुनहरा सिंह ने किया और ब्लॉक कमेटी द्वारा 2 वर्षों की रिपोर्ट पढ़कर सुनाई।

सम्मेलन की शुरुआत कामरेड मेवाराम द्वारा प्रस्तुत क्रांतिकारी गीत से की गई। सम्मेलन में ब्लाक कमेटी के मनरेगा मजदूरों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। नेताओं ने माता सावित्रीबाई फुले द्वारा किए गए क्रांतिकारी कार्यों पर बात रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य प्रधान कामरेड फूल सिंह ने सावित्रीबाई फुले के जीवन संघर्ष पर विस्तार से बात रखी और शहीद भगत सिंह के रास्ते पर चलकर पूंजीवाद को ध्वस्त करते हुए देश में समाजवादी व्यवस्था लागू करने के लिए जोरदार संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मजदूरों के पास मजदूर संगठनों को मजबूती प्रदान करते हुए मजदूर वर्ग विरोधी पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म किए जाने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है।

मनरेगा मजदूर यूनियन के राज्य प्रधान कामरेड नरेश कुमार ने वर्तमान पूंजीवादी सरकारों द्वारा अपनाई जा रही मजदूर विरोधी नीतियों की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कहीं पर भी मजदूरों को नियमानुसार 100 दिन का रोजगार देने में पूरी तरह से विफल रही है। मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ब्यान देते हैं कि सीएम विंडो पर सभी समस्याओं का समाधान है जबकि सीएम विंडो मात्र एक ढकोसला है। मजदूर काम मांग कर थक जाते हैं परंतु काम नहीं मिलता है। काम के आवेदन दर्ज नहीं किए जाते हैं। काम ना मिलने पर बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाता है।

कार्यस्थल पर सुविधाओं के अभाव में मजदूरों की मृत्यु हो रही है लेकिन मजदूर परिवार को सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। मजदूरों को कार्यस्थल पर ऑनलाइन हाजरी की समस्या बनी हुई है क्योंकि सरकारी ऐप सही ढंग से कार्य नहीं करती है जिस कारण अधिकाश मजदूरों को काम करने के बावजूद भी हाजिरी नहीं लग पाती।

ऐसी स्थिति में ऑफलाइन हाजरी स्वीकार की जाए। मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी ₹1000 प्रतिदिन की जाए। यूनियन प्रधान ने कहा कि यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी समय में यूनियन जोरदार संघर्ष चलाएगी।

इस दौरान 12 सदस्यी नई ब्लॉक कमेटी का गठन किया गया। जिसमें ब्लॉक प्रधान कर्मजीत कौर भुंसला, उप प्रधान सुरती अगौंध, उपप्रधान सुरेश बदसुई, सचिव सोमनाथ, सह सचिव राजेंद्र डंडोंता, कैसियर राजविंदर कौर, कार्यकारिणी सदस्य- राजबाला सदरेड़ी, बलदेव बदसुई, भतेरी भागल, परमजीत कौर माजरी, सुनीता कलर माजरा ,कमलेश मैंगड़ा को चुना गया।

अंत में जन संघर्ष मंच की राज्य महासचिव सुदेश कुमारी ने नव निर्वाचित कमेटी का क्रांतिकारी स्वागत किया। महासचिव ने सावित्रीबाई फुले को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।

उसके बाद सभी मनरेगा मजदूर अपनी मांगों के पक्ष में नारे लगाते हुए उधम सिंह चौक संयुक्त सड़क सुरक्षा मंच के समर्थन में धरना दिया। यूनियन जिला प्रधान साथी जोगिंदर सिंह ने कहा कि मजदूर अधिकारों के साथ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा।

इस दौरान मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम मार्फत एसडीएम के प्रतिनिधि तहसीलदार सुनील कुमार को सौंपा गया क्रांतिकारी नारों के साथ सभा का समापन किया गया।

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