जनता को बेघर करने के खिलाफ: रुद्रपुर में 3 जनवरी को उपवास; अल्मोड़ा में मुख्यमंत्री को ज्ञापन

बनभूलपुरा बस्ती उजाड़ने के कुप्रयसों के खिलाफ आक्रोश फैल रहा हाई। रुद्रपुर में संगठनों नें रोष प्रकट किया तो अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। हल्द्वानी के बनभूलपुरा बस्ती को उजाड़ने के हाईकोर्ट के फैसले के के विरोध में 31 दिसंबर को विभिन्न सामाजिक संगठनों, मजदूर संगठनों व ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक आवास विकास कॉलोनी रुद्रपुर में हुई। जिसमें 3 जनवरी 2023 को रुद्रपुर शहर स्थित भगत सिंह चौक पर प्रातः 11:00 बजे से एकदिवसी उपवास का निर्णय लिया गया।

वहीं अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने बनभूलपुरा में लोगों को बेघर करने की योजना पर रोक लगाने हेतु मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से ज्ञापन भेजा। उपपा ने कहा कि दशकों से बनभूलपुरा में निवास कर रहे लोगों को कड़ाके की ठंड में बेघर करना घोर अमानवीय कृत्य है।

रुद्रपुर: 3 जनवरी को एकदिवसी उपवास कार्यक्रम

बैठक में वक्ताओं ने कहा की  सरकार व प्रशासन हल्द्वानी बनभूलपुरा इलाके में जहां रेलवे विस्तार करने के बहाने बस्ती उजाड़ना चाहती है, वहां रेलवे का मालिकाना नहीं बनता है। रेलवे के पास सरकार से जमीन अधिग्रहण करने के कोई कागज नहीं हैं। पूर्व में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत रेलवे से जमीन मालिकाने के कागज मांगे गए थे। केंद्रीय सूचना आयोग में अपील करने के बाद रेलवे द्वारा मात्र चार नक्शे ही अपीलकर्ता को उपलब्ध कराए थे। रेलवे को जमीन कब हस्तांतरित हुई इस बारे में कोई कागज रेलवे के पास नही थे।

वक्ताओं ने यह भी कहा की हाई कोर्ट द्वारा अपने फैसले में प्रभावित जमीन के मालिकाने के बारे में नेपाल के गोरखा शासन से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी के मालिकाने व ब्रिटिश शासन के मालिकाने उसके पश्चात आजाद भारत में भारत सरकार के मालिकाने की बात तो की है लेकिन करीब 100-150 साल से रहने वाली आबादी के मालिकाने की कोई बात नहीं की है।

इसी मुद्दे पर 2016 में उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की गई थी। वर्तमान समय में उत्तराखंड की भाजपा सरकार प्रभावित लोगों के पक्ष में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में कोई पैरवी नहीं कर रही है। यह भाजपा सरकार का फासीवादी चेहरा है जो अल्पसंख्यक आबादी को बेघर करने का काम कर रही है ।

वक्ताओं ने कहा की प्रभावित इलाके में हजारों की संख्या में छात्र आबादी रहती है उनके भविष्य के बारे में फैसले में नहीं सोचा गया। ठंड के मौसम में करीब 50,000 आबादी जिसमें बूढ़े-बच्चे-गर्भवती महिलाएं सभी शामिल हैं वो कहां रहेंगे यह भी इस फैसले में कहीं दर्ज नहीं है।

बैठक में सर्वसम्मति से राज्य सरकार से मांग की गई कि वह बनभूलपुरा बस्ती बचाने के लिए अपने 2016 के प्रयासों को और आगे बढ़ाए, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बस्ती बचाने के लिए पैरवी करे। बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे के विस्तार के मद्देनजर प्रभावित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करें।

इन मांगों के समर्थन में रुद्रपुर क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठन, मजदूर संगठन, ट्रेड यूनियनें व जनपक्षधर लोगों द्वारा पीड़ित जनता को न्याय देने की मांग करते हुए आगामी 3 जनवरी 2023 को रुद्रपुर शहर स्थित भगत सिंह चौक पर प्रातः 11:00 बजे से सायं 4 बजे तक एकदिवसी उपवास का कार्यक्रम लिया जाएगा। इस हेतु जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

बैठक में सीपीआई के पूर्व जिला सचिव एडवोकेट राजेंद्र गुप्ता, मजदूर सहयोग केंद्र के अध्यक्ष मुकुल, विजय, भारतीय किसान यूनियन के सुब्रत विश्वास, समता सैनिक दल के गोपाल गौतम, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, राजेश, इंकलाबी मजदूर केंद्र के शहर सचिव दिनेश चंद्र, कैलाश, सुरेन्द्र, ठेका मजदूर कल्याण समिति से अभिलाख, ऑटो लाइन के प्रकाश मेहरा जी, सूरज चौहान, इन्टर्राक मजदूर संगठन से हिरदेश कुमार, पान मोहम्मद, फिरोज खान आदि शामिल रहे।

अल्मोड़ा: कड़ाके की ठंड में बेघर करना घोर अमानवीय कृत्य -उपपा

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आज बनभूलपुरा में लोगों को बेघर करने की योजना पर रोक लगाने हेतु मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी अल्मोड़ा वंदना सिंह के माध्यम से ज्ञापन भेजा। उपपा ने कहा कि दशकों से बनभूलपुरा में निवास कर रहे लोगों को कड़ाके की ठंड में बेघर करना घोर अमानवीय कृत्य है।

उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि लोगों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था किए बग़ैर उन्हें बेघर किया जाना ठीक नहीं है और राज्य व देश के सभी मानवता के पक्षधर लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य व देश में सांप्रदायिक व जातीय उन्माद फैलाकर सरकार लोगों के अधिकारों का लगातार हनन कर रही है जिसका स्पष्ट उदाहरण हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हजारों लोगों को बेघर करने की योजना के रूप में दिखाई दे रहा है जबकि सरकार भू माफियाओं की ज़मीन ज़ब्त करने का साहस नहीं कर पा रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद से लगातार राज्य में विकास के नाम पर विनाश किया जा रहा है जिसका शिकार गरीब व वंचित लोग हो रहे हैं। जिसके ख़िलाफ़ अब जनता एकजुट होने लगी है।

पार्टी ने कहा कि सरकार की लचर पैरवी के चलते हज़ारों की संख्या में लोग अपने आवास खोने के लिए बाध्य हैं। सुप्रीम कोर्ट में सरकार को लोगों के हित में अपना पक्ष रखना चाहिए और उनके पुनर्वास हेतु भी अध्यादेश बनाना चाहिए।

इस दौरान उपपा के केंद्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती आनंदी वर्मा, नगर अध्यक्ष अल्मोड़ा हीरा देवी, मो. साकिब, चंद्रा, गोपाल राम, सरिता मेहरा, किरन आर्या, मीना टम्टा, उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे और प्रिया समेत अन्य लोग शामिल रहे।

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