हरियाणा: कर्मचारी संगठन लामबंद; नए साल में पुरानी पेंशन बहाली के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी

कर्मचारी संगठन ‘रीच टू ईच’ नारे के साथ जन संपर्क अभियान, संयुक्त सम्मेलन, वाहन जत्थे, सितंबर में विशाल रैली व निर्णायक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान होगा।

हरियाणा में नए साल पर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) मनोहर सरकार की मुश्किलें बढ़ाएगी। इसके लिए कर्मचारी संगठनों ने रीच टू ईच प्लान तैयार कर लिया है। 2023 में सभी कर्मचारी संगठन इसी प्लान पर जनवरी से अगस्त तक काम करेंगे। इस दौरान प्रदेश भर में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

सितंबर में सभी कर्मचारी संगठन लामबंद होकर दिल्ली कूच करेंगे। बता दें कि हिमाचल में भाजपा ने इसी वजह से सत्ता गंवाई है। OPS के बहाल न होने से कर्मचारी नाराज थे। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा है।

अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के कर्मचारी संगठन रीच टू ईच नारे का प्रयोग करेंगे। इस नारे के साथ वह राज्यभर में जन संपर्क अभियान चलाएंगे। जनवरी 2023 में प्रदेश में केंद्रीय व राज्य सरकार कर्मचारियों के संयुक्त राज्य सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद अगले चरण में फरवरी, मार्च व अप्रैल महीने में जिला, तहसील व ताल्लुक स्तर पर कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

आंदोलन की दूसरे चरण में जुलाई और अगस्त महीने को शामिल किया गया है। इन दो महीनों में कर्मचारी संगठनों के राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों वाहन जत्थे चलाएं जाएंगे। यह कर्मचारी वाहन जत्थे सभी महानगरों, शहरों व कस्बों में जनसभाएं करते हुए सितम्बर, 2023 में नई दिल्ली पहुंचेंगे और वहां विशाल रैली की जाएगी। रैली में सरकार के खिलाफ निर्णायक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।

दिल्ली में कर्मचारियों की मांगों को लेकर निश्चित व अनिश्चितकालीन राष्ट्रीय हड़ताल जैसे फैसले पर निर्णय किया जाएगा। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा ने बताया कि घोषित आंदोलन में बैंक, बीमा, रेलवे, डिफेंस व पीएसयू के कर्मचारियों को भी शामिल करने और आम जनता से भी जन सेवाओं को बचाने के लिए जन समर्थन प्राप्त करने के गंभीर प्रयास किए जाएंगे।

पीएफआरडीए एक्ट रद्द करो, पुरानी पेंशन बहाल करने, सभी ठेका, आउटसोर्स व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, केन्द्र एवं राज्य सरकार तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में खाली पड़े करीब 60 लाख पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निगमीकरण व निजीकरण पर रोक लगाने, आठवें वेतन आयोग का गठन करने,18 महीने के बकाया डीए का भुगतान करने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करने,एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देना आदि है।

दैनिक भास्कर से साभार

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे