दूध हुआ और महँगा, मदर डेयरी ने दूध की कीमतें फिर बढ़ाईं; इस साल 5 बार दूध के दाम बढ़े

एक महीने में दूसरी बार बढ़ोत्तरी। लगातार बढ़ती दूध की कीमतें आम लोगों की जेब पर लगातार बोझ डाल रही हैं और दूध जैसी जरूरी चीज अब गरीबों की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

मदर डेयरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देते हुए फुल क्रीम, टोन्ड और डबल टोन्ड दूध की कीमतों में दो रुपये की वृद्धि कर दी है। मदर डेयरी ने इस साल 5वीं बार दूध के दामों में बढ़ोतरी की है।

लागत में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए दाम बढ़ाए जा रहे हैं। ये दरें मंगलवार से लागू होंगी। वहीं, गाय के दूध और टोकन मिल्क की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

मदर डेयरी ने फुल क्रीम दूध की कीमत 2 रुपये बढ़ाकर 66 रुपये प्रति लीटर कर दी है, जबकि टोंड दूध की कीमत 51 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 53 रुपये कर दी है। डबल टोंड दूध की कीमत 45 रुपये बढ़ाकर 47 रुपये कर दी गई है। फिलहाल गाय के दूध और टोकन (बल्क वेंडेड) दूध के की कीमतें नहीं बढ़ी हैं। 

इससे पहले नवंबर में दिल्ली एनसीआर में फुल क्रीम दूध की कीमत में 1 रुपये लीटर और भैंस के दूध में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया गया था।

इस साल पांचवीं बार कीमतों में इजाफा

मदर डेयरी वर्ष 2022 में दूध की कीमतें पांच बार बढ़ा चुका है। ताजा बढ़ोतरी से पहले मार्च, अगस्त, अक्तूबर और नवंबर महीने में कीमतें बढ़ाईं गई थी। बार-बार बढ़ रही कीमतों पर आम लोगों का कहना है कि दूध जैसी जरूरी चीज अब गरीबों की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

पिछली बार दूध की कीमतों में बढ़ोतरी 21 नवंबर को हुई थी। तब दिल्ली-एनसीआर में फुल क्रीम दूध की कीमतों में 1 रुपये प्रति लीटर और टोकन दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ था। इससे पहले मदर डेयरी ने अक्टूबर में दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कुछ अन्य बाजारों में फुल क्रीम दूध और गाय के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।

मदर डेयरी और अमूल लीडिंग ब्रांड

मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर में ये कंपनी दूध की एक बड़ी सप्लायर है। ये रोजाना करीब 30 लाख लीटर से ज्यादा दूध पॉली पैक और वेंडिंग मशीनों के माध्यम से बेचती है। दिल्ली-एनसीआर में मदर डेयरी के 9 प्रोसेसिंग प्लांट और सैकड़ों मिल्क बूथ के साथ-साथ सफल रिटेल आउटलेट भी हैं।

वहीं अमूल भी देश का लीडिंग ब्रांड है जिसके मालिक लाखों किसान हैं। गुजरात के दो गांवों से 75 साल पहले 247 लीटर दूध से शुरू हुआ यह सफर आज 260 लाख लीटर पर पहुंच गया है।

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