ब्रिटेन में बस, रेलवे, एयरपोर्ट, एंबुलेंस, नर्सिंग, पोस्टल आदि के कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

महँगाई से जूझ रहे कर्मचारियों के सामने दिक्कतें काफी विकट हो रही हैं। हड़ताल कर रहे या हड़ताल पर जाने वाले हर क्षेत्र के कर्मचारियों की मुख्य मांग वेतन वृद्धि से जुड़ी हैं।

वैश्विक महंगाई का असर ब्रिटेन पर भी दिखाई देना लगा है। अब ब्रिटेन की जनता के लिए गुजर बसर करना आसान नहीं रहा। वेतन बढ़ोत्तरी व अन्य  सुविधाओं की मांगों  के साथ अलग-अलग सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है।

ब्रिटेन में  इस महीने बस, रेलवे, एयरपोर्ट, एंबुलेंस, नर्सिंग और पोस्टल स्टाफ समेत कई विभागों के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने हड़ताल का आह्वान किया है।

दिसंबर के महीने में हड़तालों की बात करें तो 7 दिसंबर को टीचर्स यूनियन ने काम बंद वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की थी। वहीं करीब 40 हजार रेलवे कर्मचारी 13 से 17 दिसंबर के बीच हड़ताल पर रहेंगे।

इसके अलावा नर्सिंग यूनियन ने भी 15 और 20 दिसंबर को हड़ताल का एलान किया है। नर्सिंग यूनियन का कहना है कि वेतन वृद्धि और अन्य मांगों के साथ करीब 1 लाख नर्सें हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रही हैं। लेकिन इस दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवा जारी रहेगी।

नर्सिंग के हड़ताल पर जाने के विषय पर रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग के महासचिव पैट कुलेन ने कहा कि ‘नर्सों को उनकी बातचीत के बाद भी एक पैसा अतिरिक्त नहीं दिया जाता है।’

वहीं 21 और 28 दिसंबर को 10 हजार एंबुलेंस कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। इससे पहले इतने बड़े स्तर पर 1989 में हड़ताल हुई थी। ये भी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हुई थी।

इतना ही नहीं 23 से 26 दिसंबर और 28 और 31 दिसंबर को एयरपोर्ट स्टाफ गैटविक, हीथ्रो, मैनचेस्टर, बर्मिंघम, ग्लासगो और कार्डिफ में हड़ताल पर होगा।

ब्रिटेन की सरकर ने 8 दिन चलने वाली इस हड़ताल के प्रभाव से बचने के लिए एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर सेना को तैनात करने का फैसला किया है। इस दौरान कर्मचारियों की जगह सैनिक काम करेंगे। सरकार का दावा है कि ऐसा करने से यात्रियों को कम परेशानी होगी।

मंगलवार, 13 दिसंबर से ड्राइविंग परीक्षक और ग्रामीण भुगतान एजेंसी के कर्मचारी पूरे इंग्लैंड और स्कॉटलैंड और वेल्स जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर हड़ताल शुरू की है।

दरअसल यूक्रेन युद्ध के कारण ब्रिटेन में महंगाई दर 11.1 फीसदी तक पहुंच गई है। जिसकी वजह से हर विभाग के कर्मचारियों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे या हड़ताल पर जाने वाले हर क्षेत्र के कर्मचारियों की मुख्य मांग वेतन वृद्धि से जुड़ी है।

बढ़ी महंगाई दर के बावजूद ब्रिटेन की सरकार ने टैक्स दरों में बढ़ोतरी की है। इस पर यूनियनों का कहना है कि कर्मचारियों का वेतन पहले से कम है, तो वह अधिक टैक्स कैसे दें?

गौरतलब है कि ब्रिटेन में सभी हड़तालों का एलान तब हुआ है, जब वहां का महापर्व क्रिसमस आने वाला है। इन हड़तालों के होने से सरकार को नुकसान हो सकता है। छुट्टियों बिताने के लिए ब्रिटेन में आने वाले टूरिस्टों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

वर्कर्स यूनिटी से साभार

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