सरकार ने स्वीकारा, सीवर सफाई के दौरान पिछले पाँच सालों 500 कर्मियों की मौत

सरकार ने कहा मैला ढोने की प्रथा बन्द हो गई, जबकि पिछले हफ्ते ही मुंबई में मैला ढोने वाले चार कर्मियों की मौत हुईं है।

सीवर सफाई मज़दूरों की मौत को लेकर मंगलवार , 13 दिसंबर को  संसद में  सरकार ने  जो आंकड़ा  पेश किया  वह हैरान करने  वाला  है । केंद्र सरकार  ने लोकसभा को बताया कि 2017 के बाद से देश भर में सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 400 मज़दूरों की मौत हुई है। इस साल अब तक ऐसी 48 मौतों की सूचना मिली है और 2021 में 49 मौतें दर्ज की गयी थीं।

बसपा  सांसद  कुंवर दानिश अली के प्रश्न के जवाब में  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने यह जानकारी दी।

अठावले ने कहा कि पिछले तीन सालों के दौरान सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय 233 लोगों की मौत हुई है, जबकि हाथ से मैला उठाने के कारण कोई मौत नहीं हुई है।

tribuneindia.com के मुताबिक रामदास अठावले ने दावे के साथ कहा है कि मैला ढोने की प्रथा को समाप्त कर दिया है। साथ ही सीवर सफाई मज़दूरों को उनके पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना के तहत 2021-22 में 39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

सरकार ने यह भी कहा है कि सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले मज़दूरों के अधिकांश परिवारों को मुआवजा दिया है।

एमएस अधिनियम 2013 की धारा 2(1) (जी) के अनुसार, शौचालय में किसी भी तरह से मानव मल को हाथ से साफ करना, ले जाना, डिस्पोज करने मैला ढोना कहा जाता है। हाथ से मैला ढोना पर पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत प्रतिबंध लगाया गया है।

टीवी 9  हिंदी  की रिपोर्ट के अनुसार, सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक बेजवाड़ा विल्सन ने हाथ से मैला ढोने वालों की मौतों के कथित इनकार को लेकर सरकार पर हमला बोला।

उन्होंने कहा, ‘वे लोगों के जीवन के साथ राजनीति कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि जो लोग इस तरह के खतरनाक काम में लगे होते हैं, वे बीमारियों से मरते हैं। पिछले हफ्ते मुंबई में चार मौत हुईं और फिर वह संसद में कैसे कह सकते हैं कि कोई भी मैला ढोने से मौत नहीं हुई है?’

विल्सन ने अठावले के दावों का खंडन करते हुए कहा कि मुंबई में दो लोगों की मौत कथित रूप से एक सीवर के जहरीले धुएं की वजह से हो गई थी क्योंकि वे सफाई करने के लिए अंदर घुसे थे।

गौरतलब है कि जहाँ एक तरफ सरकार यह दावा कर रही है कि मेला ढोने की प्रथा को समाप्त कर दिया है। वहीं इसी साल जून के महीने में देश की राजधानी दिल्ली में उत्तम नगर से AAP विधायक नरेश बाल्यान द्वारा के हाथ से मैला उठवाने का मामला सामने आया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक AAP विधायक नरेश बाल्यान ने 29 जून को अपने twitter account पर MCD पर तंज कास था साथ ही मानसून से पहले जल भराव न हो इस लिए नालियों की सफाई के काम की चार तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा की थी। और उन तस्वीरों में साफ – साफ देखा जा सकता था कि सफाई कर्मचारियों से हाथों से माला उठवाया जा रह है। हालांकि विधायक के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।

न्यूजक्लिक से साभार

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