हरियाणा: पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदर्शन, 26 फरवरी सीएम आवास घेरने का ऐलान

पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किए और उपायुक्तों के जरिये मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजे।

Old Pension Scheme 2022 : एक तरफ राजस्थान, झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ के बाद अब हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की तैयारियों तेज हो चली है, जल्द कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा, इस बात का आश्वासन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकारी कर्मचारियों को दिया है, इसी बीच अब आगामी चुनाव से पहले हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग उठने लगी है।कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग को शीतकालीन सत्र में पूरा नहीं किया गया तो 26 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।

दरअसल, पंजाब में पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद अब हरियाणा में भी दिनों दिन इसे लागू करने की मांग तेज होती जा रही है। पूरे प्रदेश में पौने दो लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम का हिस्सा हैं, वे लंबे समय से इसका विरोध करते आ रहे हैं। शनिवार को भी 21 जिलों में पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किए और उपायुक्तों के जरिये मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भेजे।

पेंशन बहाली संघर्ष समिति का कहना है कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति संबंधित नेशनल मूवमेंटफॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रयास से चार राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में पुरानी पेंशन नीति बहाल हो चुकी है। हिमाचल में पुरानी पेंशन नीति को बहाल न करने पर कर्मचारियों ने संगठित होकर सत्तासीन दल को सत्ता से बाहर करने का काम किया । संघर्ष समिति को समर्थन देने पहुंचे सभी संगठनो ने गठबंधन सरकार से प्रदेश में आगामी शीतकालीन सत्र में पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र में गठबंधन सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती तो संघर्ष समिति 26 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी ।

वही सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का कहना है कि सरकार बेवजह ओपीएस को मुद्दा बना रही है, इससे ना सिर्फ कर्मचारियों बल्कि सरकार को भी लाभ होगा। वे इस संदर्भ में सरकार को पूरी रिपोर्ट तैयार करके दे चुके हैं। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद पेंशन का जो बोझ सरकार पर पड़ेगा वह न्यू पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को मिलने वाले पैसे के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में सरकार को बिना किसी देरी के ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करना चाहिए।

इधर, झज्जर में भी विरोध कर रहे कर्मचारियों का पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने शनिवार को ज्ञापन लिया और कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनका मुद्दा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाएंगे। इसे कांग्रेस 2024 चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करेगी।

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