राजस्थान: अम्बुज सीमेंट में यूनियन बनाते मज़दूरों का दमन तेज, संघर्ष का ऐलान

मांगें: सभी श्रमिकों को स्थायी कर्मचारी माना जाए, सीमेंट वेज बोर्ड के अनुसार वेतन, निशुल्क ड्रैस, सुरक्षा उपकरण, नियमानुसार छुट्टियां, कैंटीन, पानी, शौचालय, विश्राम गृह की सुविधा दी जाए
मजदूर संगठन इंटक से जुड़े अंबुजा सीमेंट मजदूर संघ की सोमवार को एक होटल में बैठक हुई। अध्यक्ष मुकेश भाकर ने बताया कि श्रमिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन से चर्चा कर रहे थे। वहीं श्रमिकों ने मजदूर संघ बनाकर वैधानिक तरीके से कम्पनी प्रबंधन के सामने अपनी मांगे रखी।
भाकर ने बताया कि यहां कार्यरत श्रमिकों के साथ कम्पनी मनमाना व्यवहार करती है, कम्पनी सीधे मजदूर न लगाकर किसी एजेंसी या ठेकेदार के माध्यम से यहां श्रमिकों का नियोजन करती है। अंदर काम करने वाले श्रमिकों को कम्पनी की ओर से किसी प्रकार की कोई सुविधाएं नही दी जाती है। उन्होंने बताया कि यहां काम करने वाले मजदूरों को स्वयं सेफ्टी उपकरण खरीदकर पहनने होते हैं, श्रमिकों को किसी भी वेज बोर्ड के अनुसार पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है। श्रमिकों ने अपने हितों की बात श्रमिक संगठन के माध्यम से कम्पनी के सामने रखी तो कम्पनी ने से संगठन से जुड़े श्रमिकों को ही बाहर कर दिया।
इस दौरान बैठक में यूनियन अध्यक्ष मुकेश भाकल, संरक्षक परमेश्वर ईनाणियां, महामंत्री मुकेश ईनाणियां, ईनाणा सरपंच रूपाराम रोज, मेहराम धोलिया सहित बड़ी संख्या में श्रमिक भी सम्मिलित हुए। पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्णतः वैधानिक तरीके से बनाए गए मजदूर संगठन के साथ कम्पनी द्वारा कोई चर्चा करने की बजाय संगठन से श्रमिकों को ही काम पर आने पर रोक लगा दी। किसी भी श्रमिक को किसी प्रकार का नोटिस या चेतावनी नहीं देते हुए सीधे बाहर ही कर दिया। यह कम्पनी का तानाशाही पूर्ण रवैया है।
कम्पनी द्वारा श्रमिकों की मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं किये जाने से आक्रोशित श्रमिकों ने सोमवार को उपखंड कार्यालय का घेराव करते हुए अपनी जायज मांगे मनवाने के लिए उपखंड अधिकारी के नाम से एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि यदि एक सप्ताह में श्रमिकों की मांगों पर कोई विचार करते हुए राहत नहीं दी जाती है तो मजबूरन बड़ा आंदोलन भी करना पड़ेगा।
इस दौरान सभी श्रमिकों को कम्पनी का स्थायी कर्मचारी माना जाए, श्रमिकों को सीमेंट वेज बोर्ड लगाकर उसी अनुसार वेतन दिया जाए, श्रमिकों को निशुल्क ड्रैस, सुरक्षा उपकरण, नियमानुसार छुट्टियां प्रदान की जाए, श्रमिकों को कैंटीन की सुविधा, पानी, शौचालय, विश्राम गृह की सुविधा दिलवाई जाए।
दैनिक भास्कर से साभार