बिजली बिलों में 10 हजार करोड़ सरचार्ज के खिलाफ मुख्यमंत्री, अडानी, विधायक का पुतला दहन

नेठराना में गरीब दिहाड़ी मजदूरों के कनेक्शन काटने पर आक्रोश; बिजली बिलों में 10 हजार करोड़ के सरचार्ज लगाए जाने का तीखा विरोध, पुतला फूंक कर जनता का विरोध प्रदर्शन।
गोगामेड़ी, हनुमानगढ़ (राजस्थान)। बिजली बिलों में मनमाने टैक्स लगा कर की जा रही लूट के खिलाफ करीब साढ़े तीन साल से जारी आंदोलन में बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति हनुमानगढ़ ने गोगामेड़ी बिजली घर सहायक अभियंता कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गौतम अडानी, भादरा विधायक का पुतला दहन कर जोरदार नारेबाजी करते हुए आक्रोश व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संघर्ष समिति की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले महीने बिजली बिलों में 10 हजार करोड़ रुपए का फ्यूल सरचार्ज लगाकर राजस्थान की गरीब जनता की कमर तोड़ दी है। यह सरचार्ज अगले पांच सालों तक बिजली बिल में जुड़कर आएगा।
राज्य सरकार के इस फैसले से राजस्थान के हजारों गरीब लोगों पर नाजायज आर्थिक बोझ पड़ेगा तथा बहुत से लोगों के घर में अंधेरा छा जायेगा। राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए फ्यूल सरचार्ज के रूप में अडानी पावर को सौंप दिए हैं जिसमे से करीब पांच हजार करोड़ रुपए तो सिर्फ ब्याज के हैं जो सरासर सरकार के अधिकारियो की लापरवाही को दर्शाता है।

संघर्ष समिति ने नेठराना में सैंकड़ों के पुलिस बल के दम पर गरीब दिहाड़ी मजदूरों के कनेक्शन काटे जाने पर तीखा विरोध किया और आक्रोश व्यक्त करते हुए जोरदार नारेबाजी की।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली बिलों में दर्जनों तरह के शुल्क लगा कर हजारों रुपए के नाजायज बिल दिए जा रहे हैं जो आम जन भरने में सक्षम नहीं है, जिसमें सरकार को रियायत देनी चाहिए।

संघर्ष समिति ने मांग की है कि अडानी को देने के लिए 10 हजार करोड़ का फ्यूल सरचार्ज आम जनता पर नहीं थोपा जाए, नाजायज बिलों को भरवाने के लिए आमजन पर पुलिस के बल पर कनेक्शन काटने का दबाव नहीं बनाया जाए, स्थायी शुल्क, विद्युत शुल्क व अन्य राशि के रूप में हो रही वसूली तुरंत बंद की जाए, प्रत्येक परिवार को हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली दी जाए, घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत हटाये जाएं, बिजली सेवा का निजीकरण तुरंत रोका जाए व बिजली अधिनियम 2020 खारिज किया जाए।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापार नहीं किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज और व्यापक बनाया जायेगा।