मज़दूरों की जीत: शासन द्वारा जायडस वेलनेस सितरगंज की बंदी अवैध घोषित

शासन की ओर से श्रम सचिव ने स्पष्ट आदेश दिया कि जायडस वैलनेस द्वारा दिनांक 18/06/2022 से सितारगंज यूनिट में की गई बंदी अविधिक है तथा उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

सितरगंज (उत्तराखंड)। जायडस वेलनेस प्रोडक्ट्स लिमिटेड, सितरगंज की बंदी को शासन ने अवैध करार दिया है। इस संबंध में श्रम सचिव ने आदेश जारी किया है जिसके बाद अब आंदोलित श्रमिकों को वेतन लाभ के साथ ही कंपनी में लगे ताले खुलने के आसार नजर आ रहे हैं।

दरअसल सिडकुल औद्योगिक संस्थान सितरगंज में स्थित जायडस वेलनेस के प्लांट को प्रबंधन ने 18 जून से बंद कर दिया था। प्रबंधन ने बंदी की वजह कच्चे माल की कीमतों में इजाफा और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की वजह से हो रहे कथित आर्थिक नुकसान को बताया था। बिना किसी पूर्व सूचना के कंपनी बंद करने से डेढ़ सौ स्थायी सहित करीब 12 सौ मज़दूर बेरोजगार हो गए थे।

अचानक हुए इस अवैध बंदी के खिलाफ मज़दूर तबसे आंदोलनरत हैं। इस बीच श्रम अधिकारियों द्वारा कोई राहत न मिलने पर मज़दूरों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। श्रम विभाग की ओर से तय समय के बाद भी जवाब दाखिल नहीं होने पर यूनियन ने अवमानना याचिका दाखिल की थी।

उधर सहायक श्रम आयुक्त उधम सिंह नगर ने दिनांक 10/01/2022 को उक्त मामले को औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी को संदर्भित कर दिया था जो कि विचाराधीन है।

उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन ने की सुनवाई

उच्च न्यायालय नैनीताल ने आदेश पारित करके उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 3(a)(b) के तहत राज्य सरकार को सुनवाई करके बंदी की वैधानिकता सहित प्रस्तुत प्रत्यावेदन को निस्तारित किए जाने निर्देश दिया था।

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सचिव श्रम आर मीनाक्षी सुंदरम ने शासन की ओर से सुनवाई कर स्पष्ट किया कि जायडस वेलनेस प्रो. लि., सितरगंज मौसमी प्रकार का नहीं है और पूर्वर्ती 12 महीनों में औसतन प्रति कार्य दिवस में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 300 से अधिक थी।

ऐसी स्थिति में औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 6 डब्ल्यू के अंतर्गत प्रतिष्ठान को बंदी से 90 दिन पूर्व राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त करना चाहिए था तथा उक्त बंदी की सूचना संघों के प्रतिनिधियों को भी 90 दिन पूर्व दिया जाना चाहिए था।

शासन ने किया बंदी अवैध घोषित

प्रतिष्ठान ने उक्त व्यवस्था का पालन नहीं किया और दिनांक 17/06/2022 को फैक्ट्री बंदी की सूचना फैक्ट्री के नोटिस पथ पर चस्पा करते हुए दिनांक 18/06/2022 तो फैक्ट्री बंद कर दी।

अतः जायडस वैलनेस सितारगंज उधम सिंह नगर द्वारा दिनांक 18/06/2022 को घोषित फैक्ट्री बंदी उत्तर औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 (उत्तराखंड राज्य में यथाप्रवृत) की धारा 6 डब्लू व 6 वी का स्पष्ट उल्लंघन है।

शासन की ओर से श्रम सचिव ने स्पष्ट आदेश दिया कि उपरोक्त प्रस्तरों में वर्णित तथ्यों के दृष्टिगत जायडस वैलनेस प्रोडक्ट्स लिमिटेड द्वारा दिनांक 18/06/2022 से सितारगंज यूनिट अधिष्ठान उधम सिंह नगर में की गई बंदी अविधिक है तथा उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

जीत से मज़दूरों के हौसले बुलंद

कंपनी की बंदी अवैध घोषित होने के बाद विगत 170 दिनों से संघर्षरत जायडस मज़दूरों में खुशी की लहर दौड़ रही है। फैक्टरी खुलने की आस जग रही है। हालांकि श्रम और प्रशासनिक अधिकारी मामले को अब कितना उलझाते हैं, यह वक़्त बताएगा, जैसा कि भगवती-माइक्रोमैक्स मज़दूरों के साथ हो रहा है। उच्च न्यायालय से जीत के बावजूद अभी तक उनकी कार्यबहाली नहीं हुई है।

इसके बावजूद जायडस वेलनेस इम्पालाइज यूनियन के नेतृत्व में मज़दूर पूरे हौसले के साथ संघर्ष में डटे हुए हैं और कार्यबहाली के साथ ही संघर्ष रुकेगा।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे