इटली: “बंदूकें नीचे, मज़दूरी ऊपर” रोम में बड़े प्रदर्शन के साथ हज़ारों लोगों का विरोध मार्च

इटली की आर्थिक स्थिति से असंतुष्टि। मांग: यूक्रेन में शांति बनाई जाये, रूसी आक्रमण से लड़ने के लिए हथियारों को भेजने पर पाबन्दी लगाई जाये और वेतन में वृद्धि की जाए।
इटली में राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा शनिवार को बड़े विरोध मार्च का आयोजन किया गया था। प्रदर्शनकारी देश की आर्थिक स्थिति से संतुष्ट नहीं हैं। वे अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं। इस प्रदर्शन ने रोम के हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर “बंदूकें नीचे, मजदूरी ऊपर” (guns down, wages up) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि यूक्रेन में शांति बनाई जाये और इटली से रूसी आक्रमण से लड़ने के लिए हथियारों को भेजने पर पाबन्दी लगाई जाये। साथ ही वेतन में वृद्धि की मांग भी की।

प्रदर्शन इटली के यूनियंस सींदकाले दी बेस (USB) ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित किया गया। जिसका समर्थन कई वामपंथी राजनीतिक गुटों ने किया। पियाज़ा डेला रिपब्लिका के सामने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और “बंदूकें नीचे, मजदूरी ऊपर” के नारे से साथ मार्च की।

USB का आरोप है कि, इटली की अधिकांश आबादी युद्ध के खिलाफ है जबकि मेलोनी सरकार युद्ध को बढ़ावा दे रही है। उनका मानना है कि इसके परिणामस्वरूप सैन्य खर्च में तेज वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि इटली के नए प्रधान मंत्री, जियोर्जिया मेलोनी ने गुरुवार को एक फरमान जारी किया, जिसमें उनके मंत्रिमंडल को संसद की औपचारिक स्वीकृति के बिना 2023 के अंत तक यूक्रेन को हथियार भेजना जारी रखने की अनुमति दी गई।
उनके पूर्ववर्ती, मारियो ड्रैगी, कीव के कट्टर समर्थक थे और हथियारों के शिपमेंट पर असहमति के बाद उनकी गठबंधन सरकार, फाइव स्टार मूवमेंट में सबसे बड़ी पार्टी को विभाजित करने के बाद सत्ता खो दी।

पिछले महीने यूरोवीक न्यूज द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, इतालवी जनता भी विभाजित है, जहां एक तरफ 49 फीसदी जनता ने कीव में हथियार भेजने का विरोध किया तो वहीं 38 फीसदी इसके पक्ष में हैं।
इसके अलावा, 49 फीसदी बुद्धिजीवियों का मानना है कि यूक्रेन में संघर्ष को ख़त्म करने के लिए रूस को रियायतें देने की आवश्यकता है, जबकि केवल 36 फीसदी ही चाहते हैं कि कीव लड़ाई जारी रखे।
वर्कर्स यूनिटी के इनपुट के साथ