देहरादून: संघर्षरत जायडस मजदूरों ने किया विधानसभा कूच; अवैध बंदी खुलवाने की माँग हुई बुलंद

जायडस प्लांट को चालू करने हेतु राज्य सरकार से कानूनी कार्यवाही करने व हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराने की मांग के साथ सड़क और सदन दोनो जगह गूंजा जायडस आंदोलन।
देहरादून (उत्तराखंड)। जायडस (zydus) वेलनेस के मज़दूरों ने विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार 30 नवम्बर को देहरादून के गांधी पार्क से विधानसभा के लिए जलूस लेकर कूच किया। इस दौरान जायडस की अवैध बंदी खुलवाने, धामी सरकार हाई कोर्ट के आदेश का पालन करवाने, उत्तराखंड के बेरोजगारों को रोजगार देने, मजदूरों को रोजगार सुरक्षा देने की नारे जोर शोर से लगे।
ज्ञात हो विगत 166 दिन से जायडस मजदूर सितारगंज प्लांट के अवैध बंदी के खिलाफ़ आंदोलनरत हैं। 25 नवंबर को जायडस प्लांट को चालू करने हेतु राज्य सरकार से कानूनी कार्यवाही करने की मांग के साथ क्षेत्रीय जनता, विपक्षी दल, विधायकों, ट्रेड यूनियंस, जन संगठन, जनप्रतिनिधियों ने आंदोलन के केंद्र कारखाने के मुख्य गेट पर जन सम्मेलन किया था। जहां पारित प्रस्ताव के तहत zydus वेलनेस एम्पलाइज यूनियन ऐक्टू के नेतृत्व में मज़दूरों ने विधानसभा कूच किया।
जलूस ने 7 किमी का रास्ता जनता को अपने नारों के माध्यम से आकृष्ट करते हुए तय किया और जनता ने बहुतेरी जगहों पर समर्थन किया।
विधानसभा से पहले पुलिस ने बैरिकेड लगा कर जलूस रोक दिया। जहां यूनियन ने सभा की और देर शाम तक विधानसभा के समक्ष डटे रहे। कार्यक्रम का नेतृत्व ऐक्टू राज्य महामंत्री के के बोरा ने किया। सभा संचालन यूनियन महामंत्री उमेश गोला ने किया। कार्यक्रम में बीडीसी मेंबर अर्जुन सिंह, बच्ची सिंह, पूरण भाकुनी, खीम सिंह, दीपक नयाल, धर्मेंद्र बोहरा ने अपने वक्तव्य रखे। डेल्फी के पूर्व मजदूरों ने भी कार्यक्रम में भागीदारी की।

शाम को ही विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी व हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने जायडस की मनमर्जी के सामने राज्य सरकार की नियमों के तहत कार्यवाही न करने, हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर आक्रोश जताया और विधानसभा के बाहर सड़क पर जमे जायडस मज़दूरों की समस्या के समाधान की मांग उठाई।
मजदूरों ने संकल्प लिया की वे सरकार की मालिक परस्ती में मजदूर विरोधी व्यवहार को और व्यापक गोलबंदी करते हुए चुनौती देंगे।