हल्द्वानी नगर निगम सफाईकर्मी हड़ताल पर; हाईकोर्ट ने तत्काल काम पर लौटने का दिया निर्देश

कर्मचारियों ने नगर निगम पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जबकि अदालत ने कठिन कार्यों में लगे सफाई कर्मियों की पीड़ा जानने की जगह सख्त निर्देश जारी कर दिया।

नैनीताल (उत्तराखंड)। हल्द्वानी में चल रही सफाई कर्मियों की जायज माँगों का समाधान निकालने की जगह नैनीताल उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों के खिलाफ ही तेवर दिखलाये। छह दिनों से हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को कोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा, दस मिनट में काम पर लौटो, नहीं तो कार्रवाई होगी।

दरअसल हल्द्वानी नगर निगम के सफाई कर्मियों के चार संगठनों के संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में सफाई कर्मचारी नौ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। उनका आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने सितंबर में हुए आंदोलन के बाद 31 अक्तूबर तक की मोहलत मांगी थी। अक्तूबर बीतने के बाद भी नगर निगम शासनादेश के हिसाब से पर्यावरण मित्रों को 500 रुपये प्रतिदिन का मानदेय नहीं दे रहा है।

हड़ताल के बाद भी मांगे नहीं माने जाने पर कर्मचारी मंगलवार को हल्द्वानी नगर निगम पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मेयर के पुतले की शवयात्रा निकालकर आक्रोश जताया। रामलीला मैदान से शुरू हुई रैली तिकोनिया होते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने संपन्न हुई। इसके बाद उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने पुतला दहन किया। चेतावनी दी कि मांग नहीं मानी गई तो हड़ताल जारी रहेगी।

जनहित याचिका पर कोर्ट ने दिया आदेश

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि पिछले 6 दिनों से हल्द्वानी में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल से शहर कूड़े से पट गया है। शहर में डेंगू पहले से फैला हुआ है। ऐसे में सफाई न होने से जगह-जगह बिखरे कूड़े के कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ गया है। कूड़े कचरे को जानवर खा रहे हैं।

अदालत ने सबसे कठिन कार्यों में लगे सफाई कर्मियों की पीड़ा जानने की जगह सख्त निर्देश जारी कर दिया। उच्च न्यायालय ने इससे पूर्व भी कडा रुख अपनाया था, लेकिन सफाई कर्मी अपने आंदोलन पर डटे रहे।

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