हरिद्वार: बिना नोटिस पेन निर्माता बिक सेलों फैक्ट्री बंद; सैकड़ों मज़दूर बेरोजगार, संघर्ष जारी

श्रम विभाग, प्रशासन, शासन और सरकार की सरपरस्ती में मालिकों की खुलेआम अंधेरगर्दी जारी है। और मजदूर बेहाल है, वे कठिन परिस्थितियों में संघर्ष को मजबूर हैं।
हरिद्वार (उत्तराखंड) सिडकुल हरिद्वार स्थित पेन बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी बिक सेलों फैक्ट्री प्रबंधन ने अचानक बगैर किसी सूचना के प्लांट बंद कर दिया। जिससे करीब डेढ़ हजार मजदूर एक झटके में बेरोजगार हो गए।
खबर के अनुसार बिक सेलो (इंडिया) प्रा. लिमिटेड के प्रबंधन ने हरिद्वार प्लांट अचानक बंद कर दिया। फैक्ट्री में महिला व पुरुष सभी मजदूर 10-15 सालों से ठेकेदारी में काम करते थे जिन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसके विरोध में सोमवार को मजदूर फैक्ट्री गेट पर एकत्रित हो गए और जोरदार प्रदर्शन किया। मंगलवार को श्रम भवन हरिद्वार में मजदूरों ने धरना दिया जहां वार्ता हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
मज़दूरों को चूसकर पलायन का अवैध धंधा
यह कंपनी सेलों नाम का सबसे अधिक बिकने वाला पेन बनाती है, जो पूरे देश के बाजार में छाया हुआ है और भारी मुनाफा बटोर रही है। इसके बावजूद प्रबंधन ने इस प्लांट की अवैध बंदी कर दी जिससे करीब 15 सालों से काम कर रहे मजदूर एक झटके में बाहर आ गए।
उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र में लगातार यह हालात बने हुए हैं। 10-15 साल मजदूरों का खून निचोड़ने और सरकारी रियायतों का लाभ लेने के बाद कंपनियां यहाँ का प्लांट बंद करके पलायन कर जा रही हैं।
चाहे उधम सिंह नगर जिले में पंतनगर स्थित भगवती-माइक्रोमैक्स में गैर कानूनी छँटनी के खिलाफ संघर्षरत मजदूर हों अथवा जायडस वेलनेस फैक्ट्री का मामला हो अथवा सेलों कंपनी का, एक ही जैसे हालत में संघर्षरत हैं।
मालिकों की यह खुलेआम अंधेरगर्दी जारी है और श्रम विभाग, प्रशासन, शासन और सरकार सोई हुई है। क्योंकि ये सभी मालिकों के मुनाफाखोरी और मनमानेपन को संरक्षण देते हैं और मजदूर बेहाल है। वे कठिन परिस्थितियों में संघर्ष को मजबूर हैं।
सेलों बहुराष्ट्रीय फ्रांसीसी कंपनी है
बिक सेलो (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, भारत का नंबर एक पेन ब्रांड और लेखन उपकरणों का निर्माता है। हरिद्वार, कोलकाता, चेन्नई, दमन, पारदी और बद्दी में इसके प्लांट हैं। अभी हालिया वर्ष में इसने गुजरात में वापी के पास स्थित एशिया में अपनी सबसे बड़ी स्टेशनरी फैक्ट्री खोली थी।
फ्रांसीसी कंपनी बिक ने 2009 में भारत के सबसे बड़े पेन निर्माता और लेखन उपकरणों के वितरक सेलो ग्रुप में 40 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर भारत में कदम रखा था। बाद में जुलाई 2014 में इसने 75 फीसदी शेयर हासिल कर स्वामित्व मजबूत कर ली थी।
साल 2018 में इसने शेष 25 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली। इस अधिग्रहण के साथ, सेलो पेन बिक समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बन गई।