उत्तराखंड: न्याय के लिए किच्छा में मज़दूर-किसान महापंचायत के बाद इन्टरार्क कंपनी का गेट जाम

महापंचायत द्वारा निर्धारित एक घंटे में समाधान नहीं निकलने के बाद मज़दूरों, महिलाओं-बच्चों के संग किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ इंटरार्क कंपनी गेट हुक्का चौपाल लगाकर बैठ गए हैं।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज 18 नवंबर को संघर्षरत इन्टरार्क मज़दूरों के धरना स्थल किच्छा में मज़दूर-किसान महापंचायत आयोजित हुआ। प्रबंधन के अड़ियलपन के बाद पंचायत में भारी पैमाने पर मौजूद मज़दूरों, किसानों और महिलाओं ने इन्टरार्क कंपनी के किच्छा प्लांट का गेट जाम कर दिया। किसान इंटरार्क कंपनी के आगे हुक्का चौपाल लगाकर बैठ गए हैं।

उल्लेखनीय है कि मज़दूर-किसान महापंचायत की घोषणा भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने बीते 4 अक्टूबर को इन्टरार्क मज़दूरों के धरना स्थल किच्छा में हुई महापंचायत में की थी। साथ ही कंपनी प्रबंधक व शासन प्रशासन को 4 अक्टूबर से लेकर 17 नवंबर तक का समय मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए दिया गया था।

16 अगस्त 2021 से शोषण व उत्पीड़न के विरोध में चलाए जा रहे इन्टरार्क मज़दूरों के आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, श्रमिक संयुक्त मोर्चा, का पूर्ण समर्थन है और इन्हीं संगठनों की अगुवाई में आज 18 नवंबर को किच्छा में मजदूर किसान महापंचायत हुआ।

पंचायत में स्पष्ट चेतावनी

शुक्रवार को सुबह से ही किसान व मजदूर महापंचायत स्थल पर एकत्र होने लगे थे। सिड़कुल और आस-पास के तमाम मज़दूर, महिलायें और मज़दूर पक्षधर लोग पहुँचने लगे। किसान यूनियनों की अगुआई में भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ पहुंचे। दोपहर तक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी महापंचायत में पहुंच गए।

किसान नेता राकेश टिकैत ने इंटरार्क श्रमिकों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने श्रम कानून में बदलाव कर श्रमिकों का गला घोंटने का काम किया है। मजदूरों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा ये मजदूरों को दैनिक स्तर पर रखेंगे, किसान की जमीन ले उद्योगपतियों को देंगे। सरकार मनमानी पर उतारू है। इसका पुरजोर जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1 घंटे के भीतर अगर फैक्ट्री प्रबंधन मज़दूरों की मांगों को पूरा नहीं करता है तो फैक्ट्री जाम कर दिया जाएगा। वे श्रमिकों के संघर्ष के साथ है, समर्थन में यहां आकर बैठ गए हैं अब रात रुकना पड़े या कई दिन वह पीछे नहीं हटने वाले हैं। प्रशासन को चाहिए विवाद को निपटाने के लिए आगे आए।

प्रबंधन की हठधर्मिता के बाद फैक्ट्री गेट जाम

इस ऐलान के बाद प्रशासन व एएलसी के साथ पंचायत द्वारा निर्धारित प्रतिनिधिमण्डल कंपनी के भीतर प्रबंधन से वार्ता करने गया, लेकिन प्रबंधन अपने अड़ियलपन पर कायम रहा और वार्ता बेनतीजा रही।

इसके बाद मज़दूरों और महिलाओं-बच्चों के संग किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ इंटरार्क कंपनी पहुंचकर गेट जाम कर दिया। जहाँ किसान हुक्का चौपाल लगाकर बैठ गए हैं। वहाँ इंटरार्क कंपनी के पंतनगर व किच्छा प्लांट के मज़दूरों के साथ श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर व क्षेत्र की तमाम यूनियनें, संयुक्त किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में भारी संख्या में किसान, सामाजिक संगठन और महिलायें-बच्चे शामिल हैं।

खबर लिखे जाने तक जुझारू संघर्ष जारी है।

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