निजीकरण व आउटसोर्सिंग के खिलाफ 19 नवंबर को बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की मुख्य वजह मोदी सरकार द्वारा सरकारी-सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण व आउटसोर्सिंग के खिलाफ तथा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए है।

निजीकरण और आउटसोर्सिंग के खिलाफ शनिवार 19 नवंबर को देशभर के बैंक कर्मचारियों की हड़ताल है। बैंक कर्मचारियों की एसोसिएशन ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (AIBEA) ने देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। जिसकी सूचना एसोसिएशन पूर्व में ही दे चुकी है।

यह हड़ताल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए और बैंकों के निजीकरण और बैंकों में बढ़ती आउटसोर्सिंग के विरोध में की जा रही है। एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल की वजह से सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित हो सकता है।

वेंकटचलम ने बताया कि कुछ बैंकों द्वारा नौकरियों की आउटसोर्सिंग की जा रही है, जिसकी वजह से कस्टमर्स से जुड़ी जानकारियों और उनकी जमा राशि पर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कई बैंक औद्योगिक विवाद (संशोधन) कानून का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। इसके साथ ही बैंक प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों का जबरन स्थानांतरण किया जा रहा है।

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की मुख्य वजह मोदी सरकार द्वारा सरकारी-सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के खिलाफ है। ज्ञात हो कि मोदी सरकार अपने ‘देश बेचो अभियान’ के तहत देश की सरकारी व सर्वजनिक उद्यमों और संपत्तियों को तेजी से निजी मुनाफाखोरों के हाथों बेच रही है।

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