समस्तीपुर: रामेश्वर जूट मिल में अवैध तालाबंदी; मज़दूरों में आक्रोश

बड़े ही सजीशाना तरीके से प्रबंधन ने पहले मेंटनेंस के नाम पर मिल बंद करने की सूचना लगाई। अगले दिन मज़दूर जब काम पर पहुंचे तो अनिश्चितकाल के लिए मिल मे तालाबंदी की सूचना थी।

समस्तीपुर (बिहार)। श्रमिकों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के बीच रामेश्वर जूट मिल प्रबंधन ने सोमवार से अनिश्चित काल के लिए मिल में अवैध तालाबंदी कर दी। इससे मज़दूरों में आक्रोश बढ़ गया।

तीन दिनों तक चली वार्ता के दौरान प्रबंधन ने मज़दूरों पर धीमी गति से कार्य करने और बाहर माल भेजने के लिए लोडिंग नहीं करने के कारण 19 लाख का नुकसान होने की बात की और मनमाने तरीके से नो वर्क, नो पे लागू करते हुए सोमवार से मिल में तालाबंदी कर दी।

ज्ञात हो कि विभिन्न माँगों को लेकर मज़दूर आंदोलित हैं। बीते गुरुवार को मज़दूरों ने मिल का घेराव किया। इस दौरान लगातार तीन दिनों तक मिल प्रबंधन एवं श्रमिक यूनियन के बीच वार्ता चलती रही। प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण समझौता नहीं हो पा रहा है और वह मनमानी पर उतारू है।

दरअसल प्रबंधन मज़दूरों की न्यायपूर्ण माँगों को मनाने को तैयार नहीं है। इस बीच उसने मज़दूरों को दबाव में लेने के लिए ‘गो स्लो’ का फर्जी आरोप मढ़ दिया और ‘नो वर्क नो पे’ के बहाने मज़दूरों के वेतन में डकैती डालने के साथ अवैध बंदी का खेल खेला है।

बड़े ही सजीशाना तरीके से प्रबंधन ने रविवार को मेंटनेंस के नाम पर मिल बंद करने की सूचना चस्पा की थी। अगले दिन सोमवार को मज़दूर जब काम पर पहुंचे तो अनिश्चितकाल के लिए मिल को बंद करने की सूचना थी। इसके प्रबंधन ने कोई अनुमति नहीं ली है।

प्रबंधन द्वारा तालाबंदी की लगी सूचना-

मिल प्रबंधन द्वारा चस्पा सूचना में लिखा है कि तीन दिनों तक चली वार्ता के उपरांत गो स्लो वर्क खत्म नहीं किया गया। जिसके कारण प्रबंधन को काफी आर्थिक क्षति हो रही है। ऐसी विषय परिस्थिति में प्रबंधन के पास कारखाना बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। इसलिए 14 नवंबर की सुबह 6 बजे से काम नहीं तो वेतन नहीं के आधार पर कारखाना में कार्य स्थगन किया जाता है। आवश्यक सेवा से जुड़े श्रमिकों एवं कर्मियों को छोड़कर शेष सभी श्रमिकों पर यह लागू रहेगा। प्

इधर, मिल की अवैध बंदी के बाद श्रमिकों के समक्ष परेशानी बढ गई है। जिससे मज़दूरों में आक्रोश बढ़ गया है। मज़दूर भी आंदोलन में डटे हैं।

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