मज़दूर-किसान महापंचायत 18 नवंबर को किच्छा में, इन्टरार्क मज़दूर उठायेंगे निर्णायक क़दम

प्रशासन को दी गई सूचना। तैयारी एवं प्रचार-प्रसार का कार्य जारी। महिलाओं ने बनाई मानव शृंखला। आंदोलन को समर्थन देने धरना स्थलों पर लगातार पहुंच रहे हैं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। संघर्षरत इन्टरार्क मज़दूरों के धरना स्थल किच्छा में 18 नवंबर को निर्धारित मजदूर किसान महापंचायत का प्रचार प्रसार व्यापक स्तर पर जारी है। इस बीच स्टे लेने की प्रबंधन की योजनाओं पर हाईकोर्ट नैनीताल ने पानी फेर दिया। इस बीच बीते रविवार को पंतनगर स्थित धरना स्थल पर महिलाओं ने मानव शृंखला बनाकर प्रतिरोध जताया।

इन्टरार्क मजदूर संगठन ने बताया कि 16 अगस्त 2021 से मजदूर शोषण व उत्पीड़न के विरोध में चलाए जा रहे इन्टरार्क मज़दूरों के आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, सिडकुल श्रमिक संयुक्त मोर्चा, का पूर्ण समर्थन मिल चुका है और इन्हीं संगठनों की अगुवाई में 18 नवंबर 2022 को किच्छा में मजदूर किसान महापंचायत की घोषणा की गई है।

महापंचायत की घोषणा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता चौधरी राकेश टिकैत द्वारा 4 अक्टूबर 2022 को इन्टरार्क मज़दूरों के धरना स्थल किच्छा में हुई महापंचायत में की गई थी। साथ ही कंपनी प्रबंधक व शासन प्रशासन को 4 अक्टूबर से लेकर 17 नवंबर तक का समय मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए दिया गया था। परंतु कंपनी मालिक व प्रबंधक एवं उत्तराखंड के शासन प्रशासन द्वारा मजदूर हितों की रक्षा के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए गए।

हाईकोर्ट ने प्रबंधन की योजनाओं पर फेरा पानी

इस बीच सोमवार को इंटरार्क मजदूरों एवं प्रबंधन द्वारा दाखिल विभिन्न याचिकाओं पर आज नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई नियत थी। लेकिन उससे पूर्व ही महापंचायत को विफल करने की दूषित मंशा के तहत कंपनी मालिक के वकील ने हाईकोर्ट में अर्जेंसी एप्लिकेशन फाइल करके मजदूरों के धरने को हटाने की साजिश रची।

सोमवार की सुनवाई में प्रबंधन के दिग्गज वकीलों ने तमाम बहाने से किच्छा कंपनी गेट पर स्टे लेने का प्रयास किया, लेकिन प्रबंधन पक्ष की दलीलों को पीठ ने नकार दिया और अंततः सुनवाई की अगली तिथि 2 जनवरी नीयत कर दी। इससे प्रबंधन की योजनाओं पर पानी फिर गया।

महिला आक्रोश महासभा व मानव शृंखला का आयोजन

रविवार को सिडकुल पन्तनगर धरनास्थल पर महिलाओं द्वारा बच्चों एवं मजदूरों संग मिलकर महिला आक्रोश महासभा का सफल आयोजन किया गया और कंपनी परिसर का मानव शृंखला बनाकर घेराव कर शक्ति प्रदर्शन किया गया। 18 नवंबर की प्रस्तावित मजदूर किसान महापंचायत के निर्णय को दोनों कंपनियों के गेटों पर लागू करने एवं कंपनी के नोयडा स्थित मुख्यालय के घेराव के संदर्भ में रणनीति बनाई गई।

महापंचायत में उठेगा निर्णायक क़दम

इन्टरार्क मज़दूर संगठन ऊधम सिंह नगर व इन्टरार्क मज़दूर संगठन किच्छा ने बताया कि 18 नवंबर 2022 को मजदूर किसान महापंचायत के दिन कंपनी मालिक द्वारा किए जा रहे गैरकानूनी कृत्यों को रोकने के लिए (जिसे शासन प्रशासन ने अपना संरक्षण दे रखा है) मजदूर एवं किसानों द्वारा स्वयं ही निर्णायक कदम उठाए जाएंगे जिसकी सूचना आज जिलाधिकारी उधम सिंह नगर, एसडीएम किच्छा, श्रम सचिव उत्तराखंड सरकार देहरादून, श्रम आयुक्त उत्तराखंड हल्द्वानी, उप श्रम आयुक्त रुद्रपुर को ज्ञापन द्वारा दे दी गई है।

मजदूर किसान महापंचायत के प्रचार प्रसार को व्यापक स्तर तक ले जाते हुए मजदूर और किसानों के साझा प्रयासों से विभिन्न संगठनों, एवं न्यायप्रिय लोगों को आमंत्रण पत्र देकर महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की गई।

रुद्रपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रैली निकालकर चल प्रचार अभियान

इन्टरार्क की दोनों प्लांटों की यूनियनों द्वारा सिडकुल पंतनगर की विभिन्न फैक्ट्रियों में मजदूर संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रण पत्र दिया गया और महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की गई।

बाजपुर, सितारगंज, रुद्रपुर, किच्छा के विभिन्न स्थानों पर होल्डिंग लगाकर महापंचायत की सूचना शहर के लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया गया।

धरना स्थल पर कार्यक्रम की जगह समतल बनाने को जेसीबी मशीन द्वारा कार्य करवाया गया और महापंचायत की जगह को समतल कर स्थान को स्वच्छ किया गया।

मजदूर आंदोलन को समर्थन देने के लिए क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से श्री शिव देव सिंह जी पंतनगर धरना स्थल पर उपस्थित हुए और अभियान में भी अपनी भागीदारी की जिसके अंतर्गत उन्होंने विभिन्न संगठनों के लोगों से मुलाकात कर आमंत्रण पत्र दिए और साझा प्रयासों से एक नए क्रांतिकारी आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद की।

प्रचार प्रसार के चलाए जा रहे अभियान में समाजसेवियों द्वारा आंदोलन में लगभग 5000 रुपए का आर्थिक सहयोग भी दिया गया और पूरे उत्साह और विश्वास के साथ बताया गया कि 18 नवंबर को मजदूरों एवं किसानों के इस आंदोलन में उनकी उपस्थिति शत-प्रतिशत होगी।

धरना स्थलों पर सैकड़ों मजदूर साथी उपस्थित रहे।

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