विरोध का ऐलान: 25 नवंबर को दुनियाभर के एमेजॉन कर्मी मनाएंगे ब्लैक फ्राइडे

पिछले साल 26 नवंबर को अमेज़न के वर्कर्स और ट्रेड यूनियनों ने मिल कर वर्कर्स के समर्थन में एक अभियान की शुरुआत की थी जिसको ‘मेक अमेज़न पे’ के नाम से चलाया गया था।

दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन विक्रता एमेजॉन पर 25 नवंबर से ब्लैक फ्राइडे सेल की शुरुआत हो रही है। इसी दिन दुनियाभर के अमेज़न श्रमिकों ने कम वेतन, खराब काम करने की स्थिति और जलवायु संबंधी चिंताओं सहित अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

पिछले साल 26 नवंबर को अमेज़न के वर्कर्स और ट्रेड यूनियनों ने मिल कर वर्कर्स के समर्थन में एक अभियान की शुरुआत की थी जिसको ‘मेक अमेज़न पे’ के नाम से चलाया गया था। इसी तर्ज पर इस साल भी आगामी 25 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे। इस में अभियान में अमेज़न के हज़ारों श्रमिक और देशभर की 70 ट्रेड यूनियनें हिस्सा लेंगी।

ट्रेड यूनियनों का कहना है कि अमेज़न के मालिक जेफ़ बेजॉस अपने व्यवासय को स्पेस तक पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन यहां धरती पर श्रमिकों का शोषण किया जा रह है।

ज्ञात हो कि पिछले साल कि शुरुआत में अमेरिका में अमेज़न के डिलीवरी वर्कर्स की तरफ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। WION की रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के अमेज़न डिलीवरी वर्कर्स बोतल में पेशाब करने को मजबूर हो गए थे।

रिपोर्ट अनुसार अमेज़न डिलीवरी वर्कर्स को एक दिन में 10 घंटों की शिफ्ट करनी पड़ती है, उन्हें हर रोज़ 300 के आसपास पैकेट्स डिलीवरी करने होते हैं। यदि श्रमिक ठीक से काम नहीं कर पाते तो उन्हें काम से निकाल दिया जाता है। यही कारण है कि मज़दूर अपने ब्रेक की कटौती करते हैं और इस तरह की घटनाये सामने आती हैं।

श्रमिकों की इन सभी समस्याओं को ध्यान में रख कर ‘मेक अमेज़न पे’ कैंपेन चलाया जा रहा है।

‘मेक अमेज़न पे’ के माध्यम से श्रमिकों की मांग है कि वेतन में वृद्धि होनी चाहिए, खराब काम करने की स्थिति में सुधार किया जाये। पर्याप्त ब्रेक का समय निश्चित होना चाहिए। बीमारी के लिए अवकाश दिया जाये।

‘मेक अमेज़न पे’ कैंपेन में भारत के अमेज़न श्रमिकों की भी अहम भूमिका है, क्योंकि अमेज़न का बहुत बड़ा बाजार भारत में है। यहां हज़ारों की संख्या में श्रमिक काम करते हैं। अमेज़न ने कुछ साल पहले यहां घोषणा की थी कि अमेज़न भारत में 200 बिलियन डॉलर का बिज़नेस स्थापित करेगा।

साभार: वर्कर्स यूनिटी

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