लालकुआँ: सेंचुरी पेपर मिल ठेका श्रमिक आंदोलन के 100 दिन, प्रबंधन का अड़ियल रुख कायम

10-12 वर्षों से कार्य कर रहे संविदा श्रमिकों को कंपनी द्वारा बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद संविदा श्रमिकों द्वारा भूख हड़ताल व आंदोलन जारी; वार्ता फिर रही बेनतीजा।

लालकुआँ (नैनीताल)। अपनी स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्षरत सेंचुरी पेपर मिल के ठेका श्रमिकों का स्थानीय शहीद स्मारक पर चल रहे आंदोलन को 3 नवंबर को 100 दिन पूरे हो चुके है। बावजूद इसके मिल प्रबंधन अभी तक अड़ियल रुख अपनाए हुए है।

ज्ञात हो कि लालकुआं स्थित सेंचुरी पेपर मिल में विगत 10 से 12 वर्षों से कार्य कर रहे संविदा श्रमिकों को कंपनी द्वारा बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद संविदा श्रमिकों द्वारा भूख हड़ताल व आंदोलन प्रारंभ किया गया था, जिसके आज 100 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन प्रबंधन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है।

आंदोलनकारी श्रमिकों का कहना है कि लगातार आंदोलन के बावजूद भी सेंचुरी मिल प्रबंधन अपना अड़ियल रवैया नहीं सुधार रहा है तथा उसे फर्क नहीं पड़ता क्षेत्र के नौजवान मरे या जिंदा रहे। लेकिन जीत होने तक संघर्ष जारी रहेगा।

इसबीच आज गुरुवार को अपर जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल अशोक जोशी की मध्यस्थता में सेंचुरी प्रबंधन और आंदोलनरत श्रमिकों का नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान शंकर जोशी के बीच चली वार्ता पूर्ण रूप से विफल रही।

अपर जिला मजिस्ट्रेट का कहना था कि वार्ता में सेंचुरी मिल प्रबंधन के अधिकारियों तथा आंदोलनकारियों के बीच में हमारे द्वारा बात रखी गई थी लेकिन अभी कुछ बातों पर संशय बना हुआ है जिसके लिए फिर बात की जाएगी हो सकता है कोई ना कोई उचित निर्णय अवश्य निकलेगा।

संविदा श्रमिकों ने कहा कि उन्हें ना तो पूर्व में इस वार्ता के बारे में जानकारी दी गई थी और ना ही मिल प्रबंधन के अड़ियल रवैया में सुधार आया है, मिल प्रबंधन श्रमिकों की बात मानने को कतई तैयार नहीं है, जिस कारण वह एकजुट होकर और क्षेत्र के लोगों के साथ इस आंदोलन को बड़ा रूप देंगे तथा इसके लिए नई रणनीति तैयार की जाएगी।

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