भयावह बेरोजगारी के बीच एडुटेक कंपनी BYJU’S 2,500 कर्मचारियों की करेगी छँटनी

स्टार्टअप कंपनियां विशेष रूप से एडुटेक कंपनियां लगातार कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। कंपनी ने इससे पहले जून में 1100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
भयावह बेरोजगारी के इस समय में नौकरी मिलने की जगह छँटनी का दौर भी तेज हो गया है। जब केंद्र व राज्य सरकारें तक 30 साल नौकरी या 50 साल उम्र के आधार पर नौकरी से कर्मचारियों को निकाल रही हैं, तब निजी कंपनियां क्यों न बेलगाम हों! सो बाइजूस (BYJU’S) भी छँटनी पर आमादा है।
ताजा खबर में छंटनी की अटकलों के बीच ऑनलाइन ट्यूशन संस्था बाइजूस (BYJU’S) अपने 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में बाइजू ने कहा था कि वह अगले छह महीनों में कंपनी के 2500 कर्मचारियों की छंटनी करेगा।
पिछले दिनों एडुटेक कंपनी बाइजूस ने चरणबद्ध तरीके से उत्पाद, कंटेंट, मीडिया और प्रौद्योगिकी टीमें युक्तिसंगत बनने के बहाने अपने 50,000-मजबूत कार्यबल में से 5 प्रतिशत (लगभग 2,500 लोगों) को कम करने की घोषणा की थी।
कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने दावा किया है कि केरल में तिरुवनंतपुरम के बाद अब बायजू अपने बेंगलुरु मुख्यालय में कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रहा है।
अपने कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की खबरों के बीच, एडटेक प्रमुख बाइजूस ने शनिवार को कहा कि वह कर्नाटक या अन्य जगहों पर अपने कर्मचारियों को इस्तीफा देने या बर्खास्तगी का सामना करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है और पूरी कवायद उसके 50,000-मजबूत कर्मचारियों में 5 प्रतिशत की कमी का हिस्सा है। जैसा कि पहले घोषित किया गया था।
मुनाफा किसी का कीमत चुकाये कोई
कंपनी के संस्थापक और चीफ एग्जीक्यूटिव बाइजू रविंद्रन ने छंटनी को लेकर कर्मचारियों को लिखे ईमेल में कहा है कि मुनाफा कमाने के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।
कहा, हम इस वित्त वर्ष मुनाफा कमाने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसा करने के लिए कंपनी संगठन के पांच फीसदी कर्मचारियों यानी 2500 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। आर्थिक कारणों की वजह से उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
एडुटेक कंपनियां लगातार कर रही हैं कर्मचारियों की छंटनी
भारत में स्टार्टअप कंपनियां विशेष रूप से एडुटेक कंपनियां लगातार कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। कंपनी ने इससे पहले जून में 1100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
इससे पहले, एडटेक यूनिकॉर्न ने तिरुवनंतपुरम में टेक्नोपार्क परिसर में परिचालन बंद करने का फैसला किया था, जिसके बाद कर्मचारियों ने राज्य के श्रम विभाग से संपर्क किया। टेक्नोपार्क में 170-मजबूत कार्यबल में से लगभग 140 कर्मचारियों को छोड़ने के लिए कहा गया है।
बाइजूस है क्या?
बाइजूस मोदी जी का ‘स्टार्टअप’ है। यह एक भारतीय शिक्षा टेक्नॉलजी (EdTech) तथा ऑनलाइन ट्यूशन संस्था है जिसके द्वारा बाइजूस क्लासेज (Byju’s Classes) नाम की एक ऑनलाइन ट्यूशन प्लेटफॉर्म है, जो कई तरह के पाठ्यक्रम तथा कई तरह के पाठ्यक्रम शैक्षणिक परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी ऑनलाइन माध्यम से कराती है।
इसके तहत मोबाइल प्लेटफार्म के लिए बाइजूस द लर्निंग ऐप व लर्निंग एप्लीकेशन है। जहाँ से घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से पढ़ाई व परीक्षा की तैयारी होती है। इसका मुख्यालय बैंगलुरु में है।
इसकी स्थापना 2011 में हुई और 2015 में ऐप व लर्निंग एप्लीकेशन बना। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से तमाम शिक्षकों और तकनीशियनों को बाइजूस ने भर्ती किया, उनके माध्यम से अपने कारोबार को फैलाया और भारी मुनाफा कमाया।
अब यह कंपनी अपने निर्बाध मुनाफे के लिए अपने कर्मचारियों को बेरोजगार बना रही है।