हरियाणा: स्थानीय निकाय कर्मचारी हड़ताल पर, सरकार ने लगाया एस्मा, कर्मियों ने फूंकी प्रतियां

हरियाणा के 40 हजार सफाईकर्मी और दमकल कर्मी हड़ताल पर हैं। उन्होंने सभी जिलों में एस्मा लागू करने की प्रतियां जलाकर रोष जताया और ‘काली दिवाली‘ मनाने की घोषणा की।

विभिन्न मांगों को लेकर हरियाणा में नगर पालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर सफाई और अग्निशमन विभाग के 40 हजार कर्मचारी 4 दिन से हड़ताल पर चल हैं। उधर हरियाणा सरकार ने दमन का पाटा चलते हुए प्रदेश में एस्मा यानी आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम लगा दिया है। इसके तहत किसी भी तरह की हड़ताल करने पर पूरी तरह रोक रहेगी।

सरकार के इस फैसले के विरोध में कर्मचारियों का आक्रोश और तेज हो गया है। हड़ताल पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 23 अक्टूबर तक है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि रविवार तक अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन करने को लेकर फैसला लिया जाएगा। इस संदर्भ में रविवार को बड़ा फैसला लिया जाएगा।

हड़ताल में नगर निगमों, परिषदों और पालिकाओं के सफाई कर्मचारी व निरीक्षक, चालक, इलेक्ट्रिशन, चौकीदार, सीवरमैन, वॉटर सप्लाई, लिपिक, दरोगा, बेलदार, माली आदि शामिल हैं।

सरकार की हठधर्मिता; कर्मचारी मनाएंगे काली दिवाली

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पहले ही दिन शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कर्मचारी संघ नेताओं के साथ बैठक की थी। लेकिन सरकार की हठधर्मिता से बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी।

कर्मचारी अपनी जायज माँगों पर दृढ़ हैं जबकि सरकार ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है। इससे कर्मचारी आंदोलन तेज हो गया।

हड़ताली कर्मचारियों ने काली दिवाली मनाने का ऐलान किया है। एस्मा लागू करने के बाद कर्मचारियों ने हरियाणा के सभी जिलों में एस्मा एक्ट लागू करने की प्रतियां जलाकर रोष जाहिर किया। 

एस्मा लगाकर छुट्टियों पर लगाई रोक

अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं हरियाणा के निदेशक ने प्रदेशभर में अग्निशमन कर्मचारियों पर एस्मा लागू कर दिया है। सभी डीसी और संबंधित अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो उस पर एस्मा के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए। सभी अग्निशमन कर्मचारियों व अधिकारियों की छुट्टी मंजूर न की जाए और जो छुट्टी पर उनका अवकाश रद्द किया जाए।

सरकार को दिया अल्टिमेटम

नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने बताया कि कई दौर की वार्ता के बाद भी हरियाणा सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया है। अनिल विज के निकाय मंत्री रहते हुए भी उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया था। इसके बावजूद भी उनकी मांगें पूरी नहीं की गई है।

कर्मचारियों को उम्मीद थी कि दिवाली तक उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी, लेकिन मौजूदा मंत्री कमल गुप्ता ने कर्मचारियों की मांगे पूरी करने की बजाए उन्हें हड़ताल खत्म करने की धमकी दी और एस्मा लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि वें एस्मा से डरने वाले नहीं है।

संघ ने सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वें अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।

सरकार हड़ताल तोड़ने में भी जुटी

इस बीच जहाँ कर्मचारी आंदोलन में पूरे तेवर के साथ डटे हुए हैं, वहीं एस्मा पर सरकार ने थोड़ा नरम रुख दिखाने की कोशिश की। साथ ही हड़ताल तोड़ने में भी जुटी है।

प्रदेश के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आज इस संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की और बयान जारी कर कहा कि दीपावली के मद्देनजर हरियाणा सरकार हड़ताली सफाईकर्मियों और दमकल विभाग के कर्मचारियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) फिलहाल रिपीट नहीं लगाया जाएगा और कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की।

दूसरी ओर सरकार ने हड़ताल तोड़ने में भी जुटी है। कहा कि जिन निकायों में कचरे का डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वाले कॉन्ट्रैक्टर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है और नए कॉन्ट्रेक्ट होने तक उपायुक्त पुराने कॉन्ट्रैक्टर के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को 2 से 3 माह के लिए बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आवश्यकता पडऩे पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तय रेट पर भी सफाई कर्मचारियों को काम पर रख सकते हैं।

कर्मचारियों की माँगें

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने, हरियाणा कौशल रोजगार निगम से पालिका परिषद निगमों व अग्निशमन के कर्मचारियों को बाहर करने, जोखिम भत्ता चार हजार देने, कोविड-19 से मृत कर्मचारियों के आश्रितों को 50 -50 लाख रुपए देने और परिवार के एक सदस्य को पक्की नौकरी देने की मांग हैं।

साथ ही नियमित भर्ती करने, नए पद सृजित करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, फायर के 1366 कर्मचारियों को सृजित पदों पर समायोजित कर पक्का करने, हरियाणा छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को ड्यूटी पर लेने, कर्मचारियों के रुके हुए वेतन की अदायगी करने, अनुग्रह पूर्वक रोजगार योजना में लगाई गई शर्तों को हटाकर नियमित कर्मचारी की जॉइनिंग के एक दिन बाद सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को नियमित नौकरी देने और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को आसान किस्तों पर 100-100 वर्ग गज के प्लाट देने समेत कुल 16 मांगें हैं। 

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