समालखा: नेस्ले वर्कर्स यूनियन सदस्य पर जानलेवा हमला, नवगठित यूनियन तोड़ने का प्रयास

प्रबंधन पर संलिप्तता का आरोप, अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर। घटना के बाद से समालखा प्लांट सहित नेस्ले के अन्य प्लांटों के मज़दूरों में भी रोष व्याप्त है, दोषियों पर कार्रवाई की माँग।

समालखा, पानीपत (हरियाणा)। नेस्ले इंडिया के समालखा प्लांट में नेस्ले वर्कर्स यूनियन के सदस्य सुरेश पर जानलेवा हमले की घटना के बाद मज़दूरों में आक्रोश बढ़ गया है। हमले में सुरेश गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। इस घटना के लिए नेस्ले समालखा प्रबंधन व दूसरी यूनियन की संलिप्तता का आरोप लगा है।

इस बीच नेस्ले समालखा इकाई में प्रबंधन के कुछ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने की खबर है। घायल यूनियन सदस्य सुरेश ने आरोपियों पर तत्काल क़ानूनी कार्यवाही की मांग की है। यूनियन के अनुसार जुलाई 2022 में नई यूनियन बनने के बाद नेस्ले वर्कर्स यूनियन के सदस्यों पर शारीरिक हमले की यह तीसरी घटना है। इससे पहले भी 18 सितंबर, 5 अक्टूबर को हमले हुए थे।

कार्य पर जाते समय यूनियन सदस्य पर हमला

मिली जानकारी के अनुसार नवगठित नेस्ले वर्कर्स यूनियन के सदस्य सुरेश बीते शुक्रवार को जब रात्रि पालि कार्य पर कंपनी जा रहे थे, तब रात करीब सवा नौ बजे तीन अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनको तत्काल ही नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उनके दोनों पैरों में गंभीर चोटें लगी हैं और फैक्चर हुआ है, जिससे ऑपरेशन करना पड़ा।

घायल सुरेश का आरोप है कि समालखा नेस्ले इंडिया के प्रबंधन के अधिकारियों ने उनको नवगठित नेस्ले वर्कर्स यूनियन में भाग न लेने के लिए 17 अगस्त 2022 को मारने की धमकी दी थी। इस हमले में नेस्ले समालखा के एचआर प्रबंधन आलोक कुमार व आईआर प्रबंधक मनोज दत्त तिवारी की संलिप्तता भी बताई जा रही है।

नई यूनियन बनते ही प्रबंधन का दमन

नेस्ले समालखा प्लांट में पूर्व से ही एक पंजीकृत यूनियन है। जहां पूर्व में प्रबंधन ने चुनाव में जीते पदाधिकारियों को हटाकर अपने विश्वस्त नेताओं को पदाधिकारी बना दिया था। जिसके बाद से प्लांट में दूसरी यूनियन नेस्ले वर्कर्स यूनियन बनी और उसके पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान प्रबंधन वर्कर्स यूनियन से जुड़े सदस्यों का दमन बढ़ा दिया।

ज्ञात हो कि नेस्ले समालखा प्रबंधन का यूनियन और उसकी गतिविधियों पर सीधा हस्तक्षेप रहता है। इसके लिए प्रबंधन मज़दूरों पर तरह-तरह से लगातार दबाव बनाता रहता है। बीते दिनों नेस्ले की ऑल इंडिया फेडरेशन की गोवा बैठक में और प्रबंधन से वार्ता में भी इसका प्रतिरोध जताया गया था। फेडरेशन ने दोनों यूनियनों से भी इसपर सामंजस्य बनाने की बात की थी।

पिछले साल जुलाई, 2021 में समालखा में आयोजित सभा में नेस्ले इंडिया के चार प्लांटों समालखा, मोगा, पंतनगर व टालीवाल से आए यूनियन प्रतिनिधियों ने समालखा में प्रबंधन को चेतावनी दी थी कि यदि यूनियन की आंतरिक गतिविधियों में प्रबंधन हस्तक्षेप बंद नहीं करता है तो नेस्ले की सभी इकाइयां विरोध में उतरेंगी, जिसकी जिम्मेदार नेस्ले समालखा का प्रबंधन होगा।

पेड़ ट्रेड यूनियन लीव की माँग पर संघर्ष

नेस्ले इंडिया के समालखा, नंजनगुड, बीचोलियम, पोंडा व ताहलीवाल प्लांट की यूनियनें यूनियन कार्य के लिए गेट पास (ओड़ी) की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। पिछले हफ्ते नेस्ले इंडिया के तीन प्लांट के लगभग 1,000 श्रमिकों ने काम बंद कर दिया था। लेकिन नेस्ले प्रबंधन ने इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की।

नेस्ले की नीतियों के विपरीत है भेदभाव

नेस्ले वर्कर्स यूनियन का कहना है कि नेस्ले की नीति और मानदंड के विपरीत समालखा प्रबंधन कार्य में लिप्त है। नेस्ले की नीति में स्पष्ट है कि भेदभाव, हिंसा और उत्पीड़न की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसी किसी घटना पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

सवाल यह है कि इस घटना के बाद नेस्ले इंडिया अपनी कंपनी की अंतर्राष्ट्रीय नीति के अनुरूप उचित कदम उठाएगी, या नीतियाँ केवल मज़दूरों के लिए है।

इस घटना के बाद से समालखा प्लांट सहित नेस्ले के अन्य प्लांट के मज़दूरों में भी रोष व्याप्त है।

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