तेलंगानाः पीएफ, पेंशन और ईएसआई के लिए निर्माण मज़दूरों ने किया प्रदर्शन

तेलंगाना के काकीनाडा जिले में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियन (IFTU) की राष्ट्रीय समिति के आह्वान पर निर्माण मज़दूरों ने शुक्रवार को जिला श्रम कार्यालय के सामने धरना दिया।
आंध्रा और तेलंगाना के निर्माण मज़दूरों ने सामाजिक सुरक्षा के तौर पर मिलने वाले पीएफ, पेंशन और ईएसआई की मांग को लेकर धरना दिया।
तेलंगाना के काकीनाडा जिले में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियन (IFTU) की राष्ट्रीय समिति के आह्वान पर निर्माण मजदूरों ने शुक्रवार को जिला श्रम कार्यालय के सामने धरना दिया।
मज़दूरों का मांग है कि ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाओं और श्रम विभाग में लंबित पड़ी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाये। साथ ही मज़दूर विरोधी नए लेबर कोड को भी समाप्त करने की मांग की।
UNI से मिली जानकारी के मुताबिक IFTU के राज्य सचिव जे वेंकटेश्वरलू ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें श्रम विरोधी नीतियों को अपना रही हैं और कॉर्पोरेट कंपनियों को देश के संसाधनों को लूटने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
उनका कहना है कि जीओ संख्या 1210 को खत्म किया जाना चाहिए इसके कारण निर्माण मज़दूरों को मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों को खत्म कर दिया है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार जिन 44 श्रम कानूनों को लेकर आ रही है, वह मज़दूरों के लिए इतने ज्यादा खतरनाक हैं कि इसमें मज़दूरों को मिलने वाली PF, ESI और ग्रजुएटी जैसे सभी सुविधाओं को नाम मात्र ही छोड़ा है। मज़दूरों को मिलने वाली बेसिक सैलरी के साथ भी बड़ी छेड़छाड़ की गयी है।
देशभर की यूनियनें लगातार विरोध कर रही हैं और इस विरोध में नवंबर के महीने में दिल्ली में दो बड़ी मजदूर यूनियनों ने विरोध प्रदर्शन का आवाह्न किया है। एक टीयूसीआई की ओर से 5-6-7 नवंबर को जंतर मंतर पर और दूसरा मासा की ओर से 13 नवंबर को संसद भवन पर।
कल के धरने में IFTU, AIKMS के सदस्य भैरवस्वामी, गेद्दादा सूरीबाबू, पी. बसवैया, गंटा बेथालुडु, च राघव, ए वीरभद्रम, बाबूराव, साथीबाबू और अन्य ने धरने का नेतृत्व किया।
वर्कर्स यूनिटी से साभार