हिमाचल: मनरेगा व निर्माण मजदूरों की जबरदस्त रैली व प्रदर्शन में उठीं माँगें

हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का खुलासा होगा। साथ ही 13 नवंबर को दिल्ली में मासा द्वारा आयोजित मजदूर आक्रोश रैली में भागीदारी का आह्वान हुआ।
बंजार, कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। हजारों मनरेगा व निर्माण मजदूरों ने हिमाचल प्रदेश मनरेगा व निर्माण एवं सर्व कामगार संगठन के नेतृत्व में 14 अक्टूबर को स्थानीय बस अड्डे से मेला ग्राउंड तक जोरदार प्रदर्शन किया।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के श्रमिक कल्याण बोर्ड से मनरेगा मजदूरों को मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिये जाने के मनरेगा मजदूर विरोधी फैसले का कड़ा विरोध किया और मेला ग्राउंड में सभा की।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश मनरेगा और निर्माण सर्व कामगार संगठन मानरेगा और निर्माण मज़दूरों की समस्यों को लेकर 14 व 15 अक्टूबर को बंजार में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया है। इसके तहत पहले दिन रैली के साथ प्रदर्शन हुआ।

इसी के तहत मनरेगा कामगारों में जुड़ी हुई महिलाओं व मज़दूरों ने एकजुट होकर के नए बस स्टैंड से ढोल नगाड़ा तथा नारों की आवाज करते हुए पूरे बंजार बाजार में मांगों को लेकर के एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। उसके बाद यह रैली कला केंद्र बंजार में पहुंची और वहां पर हिमाचल प्रदेश मनरेगा व निर्माण एवं सर्व कामगार संगठन के पदाधिकारियों ने उपस्थित कामगारों तथा महिलाओं को संबोधित किया।
सभा में संगठन के अध्यक्ष संत राम, मासा के केंद्रीय टीम के सदस्य एवं मनरेगा मजदूर यूनियन, हरियाणा के महासचिव कॉमरेड सोमनाथ, कामगार संगठन के महासचिव अजीत राठौर, डा० अमर सिंह राघव, शोभा सिंह, गुमान सिंह, भावना चौहान आदि ने संबोधित किया।
इसी के साथ मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी 13 नवंबर को दिल्ली में मासा द्वारा आयोजित मजदूर आक्रोश रैली में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया गया।
आगामी हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, निजी कंपनियों की लूट, मनरेगा व निर्माण तथा सभी पेशों में लगे मजदूरों की समस्याओं को उठाने का आह्वान किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि मनरेगा में मिलने वाली जैसे 100 दिन का रोजगार नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते सरकार ने मनरेगा में महिला मजदूरों के लिए वार्षिक मशीन इंडक्शन, हीटर, सोलर लैंप, साइकिल कंबल, वाटर फिल्टर, टिफिन बॉक्स इत्यादि मिलने वाली सुविधा पर रोक लगा दी है। अब मनरेगा मजदूरों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति प्रस्तुति, विवाह शादी, चिकित्सा पेंशन व मृत्यु होने पर मिलने वाली सुविधा पर रोक लगा दी है।
कहा कि मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्यता से वंचित करने का फैसला रद्द किया जाए। राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत मजदूरों को मिलने वाली सहायता सामग्री पुन: बहाल की जाए। महिला मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीन इत्यादि बहाल की जाए।
दूसरी ओर बुधवार को हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर यूनियन ने मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण की सदस्यता से बाहर करने के अघोषित फैसले के खिलाफ प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदेशव्यापी विरोध के तहत शिमला, रामपुर, रोहड़ू, सराहन, सोलन, कुल्लु, बंजार, आनी, धर्मपुर, बालीचौकी, नगर टा बगवां, चंबा, हमीरपुर, ऊना आदि में प्रदर्शन हुए।