गुड़गांव: हिताची मेटल्स इण्डिया के ठेका मज़दूरों ने डीसी ऑफिस पर की भूख हड़ताल, दिया ज्ञापन

लगातार बढ़ते दमन के खिलाफ आवाज़ हुई बुलंद। मुख्य मांग निकाले गए 20 मज़दूरों को तत्काल काम पर वापस लेने व मज़दूरों के लंबे समय से लंबित सामूहिक मांग पत्र को हल करने की है।
गुड़गांव (हरियाणा)। आईएमटी मानेसर स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया कंपनी के ठेका मज़दूरों ने आज 9 अक्टूबर को गुड़गांव के लघु सचिवालय में अपनी 8 घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल कर अपना प्रतिरोध जताया।
सुबह 9 बजे से 5 बजे तक चली भूख हड़ताल के दौरान हिताची के मज़दूरों के साथ विभिन्न यूनियनों और मज़दूर संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे। मज़दूरों ने अपनी सामूहिक मांगों का ज्ञापन डीसी ऑफिस में मौजूद डिप्टी मजिस्ट्रेट तहसीलदार को सौंपा।

मज़दूरों की माँग-
मज़दूरों की मुख्य मांग है कि बीते एक महीने में प्रतिशोधवश निकाले गए 20 मज़दूर साथियों को तत्काल काम पर वापस लिया जाये। इसके साथ मज़दूरों के लंबे समय से लंबित सामूहिक मांग पत्र को हल करने की थी।
इसके साथ ही ठेका प्रथा खत्म करने; स्थाई काम पर स्थाई रोजगार तथा समान काम का समान वेतन देने; प्रबंधन तथा ठेकेदार द्वारा बदले की कार्यवाही बंद करने; नियमानुसार छुट्टी, गेट पास, शिफ्ट चेंज को बहाल करने; श्रमिकों तथा प्रबंधन के वेतन अंतर को कम करने आदि मांगें भी शामिल हैं।

लगातार दमन के शिकार हैं हिताची मज़दूर
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हिताची के मज़दूर फैक्ट्री में 5-6 साल से लगातार ठेकेदार के अंतर्गत स्थाई प्रकृति का काम कर रहे हैं। पर उन्हें न तो स्थाई किया जा रहा है, ना तो वेतन में वृद्धि की गई और ना ही समान काम का समान वेतन मिल रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि हिताची के ठेका मज़दूरों ने जब से अपना मांग पत्र लगाया है तब से हिताची का प्रबंधन ठेका मज़दूरों को परेशान करना शुरू कर दिया। मज़दूरों को डराया धमकाया जा रहा है। मज़दूरों को जो शिफ्ट चेंज करने का प्रावधान था उसे भी खत्म कर दिया गया है। जो मज़दूर नाइट शिफ्ट कर रहे हैं लगातार नाइट शिफ्ट करते जा रहे हैं।
परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर भी मज़दूरों को छुट्टी नहीं दी जा रही है। यदि मज़दूर कोई छुट्टी कर रहा है तो जब वह फैक्ट्री में वापस जा रहा है उसका गेट बंद कर दिया जा रहा है।
दमन की इन स्थितियों में मज़दूरों ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए 8 घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया है।
इस भूख हड़ताल में सनबीन के ठेका मज़दूरों के साथ मारुति, बेलसोनिका और कुछ अन्य फैक्ट्रियों के मज़दूर शामिल हुए। साथ ही इंकलाबी मज़दूर केंद्र और मज़दूर सहयोग केंद्र के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी निभाई।