पुदुचेरी: निजिकरण के खिलाफ़ बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

पुदुचेरी विद्युत विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने पुदुचेरी सरकार द्वारा राज्य में विद्युत वितरण प्रणाली को ठेके पर देने के फ़ैसले के खिलाफ़ 28 सितम्बर से निर्णायक और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

पुदुचेरी विद्युत विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने पुदुचेरी सरकार द्वारा राज्य में विद्युत वितरण प्रणाली को ठेके पर देने के फ़ैसले के खिलाफ़ निर्णायक और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है और इस सम्बन्ध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है।

पुदुचेरी सरकार ने सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में राज्य में विद्युत वितरण के निजीकरण की घोषणा करते हुए निविदा निकाली है।
सरकार द्वारा निविदा निकालने की अधिसूचना जारी करने के खिलाफ़ बिजली महकमे में कार्यरत पूरा कार्यबल जिसमें इंजीनियर्स भी शामिल है, 28 सितंबर 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद से पूरा राज्य अंधेरे में डूबा हुआ है यहां तक की वाटर्स पंप और स्ट्रीट लाइट्स भी बंद पड़ी है।लोगों ने सरकार के विधुत वितरण के निजिकरण के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

विद्युत विभाग का निजीकरण करते हुए उसको ठेके पर देने के अपने फैसले को वापस लेने के बजाय भाजपा-एनआर कांग्रेस शासित पुदुचेरी सरकार ने, हड़ताली कर्मचारियों और इंजीनियरों को डराना धमकाना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता श्रीमति तमिलीसाई सोंदराराजन जो केंद्र शासित पुदुचेरी राज्य की लेफ्टीनेंट गवर्नर हैं, ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए विधुत वितरण के कार्य में बाधा डालने वाले ‘ तत्वों ‘ को रोकने के लिए राज्य में अर्ध सैनिक बल तैनात कर दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों को एस्मा लागू करने की धमकी दी है।

पुदुचेरी सरकार का यह कारनामा, भाजपा सरकार द्वारा पूरे देश में बिजली के निजिकरण करने के मंसूबे का एक शुरूआती परीक्षण है।

केंद्र शासित पुदुचेरी राज्य तुलनात्मक दृष्टि से एक छोटा राज्य है जिसमें आंध्र प्रदेश से लगी बंगाल की खाड़ी के समीप माहे और अन्य बिखरे हुए हिस्से शामिल हैं। भौगौलिक रूप से यह केंद्र शासित प्रदेश तमिलनाडू से चारों ओर से घिरा हुआ है। राज्य की गठबंधन सरकार कमज़ोर स्थिति में है और भाजपा की सरकार में दादागिरी चल रही है। हाल ही के दिनों में आरएसएस ने इस केंद्र शासित प्रदेश पर अपना शिकंजा कसना शुरू दिया है। यही कारण है कि पूरे देश में बिजली के निजिकरण के एजेंडे की शुरुआत के लिए पुदुचेरी को चुना गया है।

मगर सरकार की कोई भी धमकी आंदोलनरत कर्मचारियों को झुकाने में कामयाब नहीं हो पाई है। इसके विपरीत विभिन्न राज्यों की बिजली कर्मचारियों की यूनियनें पुदुचेरी राज्य विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों के समर्थन में उतर आई हैं। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर फेडरेशन जो सत्ताईस लाख बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों का अखिल भारतीय संगठन है, ने पुदुचेरी सरकार के इस कृत्य की आलोचना करते हुए आंदोलनकारी हड़ताली कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया है। तमिलनाडू राज्य की विभिन्न जन संगठन और यूनियनें पुदुचेरी पहुंच रही हैं और हड़ताली कर्मचारियों के धरने में प्रतिदिन शामिल हो रही हैं।

यह हड़ताल किसी मौका परस्त समूह के फ़ायदे के लिए नहीं है। यह देशहित और जनहित में जारी कार्यवाही है और यह संघर्ष पूरे देश में फैलेगा। पुदुचेरी विद्युत विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों का यह आंदोलन भाजपा सरकार की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के खिलाफ़ जारी हमारे संघर्ष का हिस्सा है। इस जिम्मेदारी के साथ हम, न्यू डेमोक्रेटिक लेबर फ्रंट (एनडीएलएफ) स्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी (घटक मासा), हड़ताली बिजली कर्मचारियों के समर्थन में खड़े हैं।

न्यू डेमोक्रेटिक लेबर फ्रंट (एनडीएलएफ) स्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी (घटक मासा), द्वारा जारी।

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