पुरानी पेंशन बहाली के लिए गांधीगिरी: एमपी में उपवास, हिमाचल में चरखा कताई, यूपी में पदयात्रा

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों ने गांधी प्रतिमा के पास उपवास कर मांगों का आवेदन भेंट किया। हिमाचल में हिमाचल छोड़ो अभियान की भी शुरुआत हुई। उत्तरप्रदेश की महिला शिक्षकों ने पद यात्रा की।

पुरानी पेंशन योजना की बहाली का आंदोलन पूरे देश में तेज होता जा रहा है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के बाद कर्मचारियों व शिक्षकों में नया उत्साह आया है। इसी क्रम में आज दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर गांधीगिरी देखने को मिली।

जहाँ पूरे मध्यप्रदेश में दो घंटे के लिए कर्मचारी उपवास पर बैठकर सत्याग्रह किया। वहीं हिमाचल के जिला मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने गांधी जयंती के साथ-साथ अपना स्थापना दिवस भी मनाया। चरखा कातकर अपना प्रतिवाद जताया।

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने प्रदेश भर में जगह-जगह शांति मार्च निकाली और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा।

मध्यप्रदेश: गांधी प्रतिमा के समक्ष दो घंटे उपवास

सिंगरौली में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए प्रदर्शन

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राजधानी भोपाल समेत पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे अपनी न्यायोचित मांगों के समर्थन में कर्मचारी उपवास पर बैठे एवं मांगों से संबंधित मांग पत्र महात्मा गांधी के चरणों में समर्पित किया।

आंदोलन को लेकर मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बड़ी बैठक शनिवार को राजधानी में हुई थी। प्रदेशभर में 30 से ज्यादा कर्मचारी संगठन के नेतृत्व में एकसाथ दोपहर 12 से 2 बजे तक कर्मचारी उपवास पर बैठे। इस दौरान पेंशन बहाली के साथ प्रमोशन, परमानेंट, डीए के एरियर्स और मेडिकल इंश्योरेंस आदि उठीं।

भोपाल में सत्याग्रह

इस दौरान नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करे और अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो पेंशन नहीं तो वोट नही अभियान चलाया जाएगा। कहा कि लोकतंत्र में वोट का महत्व सभी जानते हैं और संघ इस वोट की चोट से पुरानी पेंशन बहाल करवाना चाहते हैं।

भोपाल में प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इसलिए संयुक्त मोर्चा उपवास कार्यक्रम प्रदेश कार्यालय तुलसी नगर में किया। शंखनाद करके उपवास की शुरुआत हुई।

हिमाचल: महासंघ ने हिमाचल छोड़ो अभियान किया शुरू

गांधी जयंती के अवसर पर एनपीएम संघ ने एनपीएस हिमाचल छोड़ो अभियान शुरू कर दिया है।

शिमला के सीटीओ पर 13 अगस्त से क्रमिक अनशन पर बैठे कर्मचारियो ने महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और चरखा कात कर पुरानी पेंशन बहाली (OPS) की मुहिम को आजादी के आंदोलन से जोड़ कर प्रदर्शित कर अपना रोष जताया।

धर्मशाला में भी एनपीएस एसोसिएशन के सैंकड़ों कर्मचारियों ने अनशन स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कहा कि कर्मचारी सरकार से भीख नहीं बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। कर्मचारी अपना हक ले कर रहेगे। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है।

नेताओं ने कहा कि हिमाचल के 2015 में आज के ही दिन न्यू पेंशन स्कीम के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था, और जिस तरह से शांतिपूर्ण तरीक़े से महात्मा गांधी ने अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबूर किया था, उसी तर्ज पर न्यू पेंशन स्कीम को हिमाचल से बाहर करेगे।

मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने गांधी जयंती के साथ-साथ अपना स्थापना दिवस भी धूमधाम से मनाया। गांधी जयंती के अवसर पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने हिमाचल छोड़ो अभियान की भी शुरुआत की।

इस दौरान न्यू पेंशन कर्मचारी संघ अपने स्थापना दिवस के साथ गांधी जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए और चरखा कातकर सत्याग्रह का संदेश दिया।

न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि कहा कि जिस तरह गांधी जी ने आजादी के आंदोलन के वक्त चरखा कातकर देशवासियों में एक आत्म विश्वास जगाया था इसी तरह का आत्म विश्वास प्रदेश के कर्मचारियों में जगाने और वैसे आत्मविश्वास के साथ पेंशन बहाली के आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास जारी है। कर्मचारियों को एकजुट रहने का भी संदेश दिया।

वोट की चोट से पुरानी पेंशन कराएंगे बहाल

उन्होंने चेतावनी दी कि हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द से जल्द कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करें और अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो वोट फॉर NPS अभियान NPS द्वारा हाल ही में चलाया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट का जो महत्व है वह सभी जानते हैं और न्यू पेंशन कर्मचारी महासंघ इस वोट की चोट से पुरानी पेंशन बहाल करवाना चाहते हैं।

कुल्लू में प्रदर्शन, मनाया NPS आंदोलन का स्थापना दिवस

उत्तर प्रदेश: महिला शिक्षक संघ की पदयात्रा

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कहीं पद यात्रा कर शांति मार्च निकाला।

इस दौरान जगह-जगह ज्ञापन भी दिए गए। महिला शिक्षक संघ का कहना है कि यदि सरकार हमारी यह मांग नहीं मानेगी तो बड़ा आंदोलन होगा।

नेताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली बहुत जरूरी है क्योंकि जीवन भर सरकार की खिदमत करने के बाद सम्मान से जीने के लिए कर्मचारी के लिए कर्मचारी के पास बस यही एक आखरी रास्ता बचता है। बुढ़ापे में किसी और से आस ना लगाना पड़े इसके लिए पुरानी पेंशन मिलना ही एकमात्र विकल्प है ताकि सेवानिवृत्ति के बाद सम्मान से जी सकें।

अयोध्या।  उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने रविवार को तिकोनिया पार्क से गाँधी पार्क तक एक शांति मार्च निकाला और गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा।

बरेली। महिला शिक्षक संघ ने गांधी चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक पुरानी पेंशन बहाली के लिए पदयात्रा निकाली। कलेक्ट्रेट में पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।

इटावा। गांधी जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली के लिए शास्त्री चौराहे से जिलाधिकारी कार्यालय तक शांतिपूर्वक पद यात्रा निकाली गई और पुरानी पेंशन लागू करने संबंधी ज्ञापन दिया।

झांसी। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आवाहन एवं उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ से जुड़ी महिला शिक्षिकाओं द्वारा गांधी उद्यान से कलेक्ट्रेट पैदल मार्च कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

बस्ती। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एसपी तिवारी गुट से जुड़े कर्मचारी पैदल मार्च करते हुए गांधी कला भवन स्थित बापू प्रतिमा पर माल्‍यापर्ण कर कलेक्ट्रेट पहुंचे और पुरानी पेंशन नीति बहाली की मांग को लेकर मुख्‍यमंत्री को सम्‍बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।

क्यों गरम है पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा

1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है।

पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार, पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है।

मध्यप्रदेश कर्मचारियों की अन्य मांगें

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाली की माँग के साथ निम्नलिखित माँगें भी शामिल हैं-

  • दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाईकर्मी, कर्मचारियों को विभागों में रिक्त विभिन्न पदों के विरुद्ध नियमितीकरण कर शेष पदों पर सीधी भर्ती किया जाए एवं कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए।
  • नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक ( शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक, गुरु) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता दी जाए।
  • लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जाए एवं सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए।
  • समयमान वेतनमान के आदेश के उपरांत सहायक शिक्षक/ शिक्षक एवं हेड मास्टर को वरिष्ठा और योग्यता के आधार पर पदोन्नति/ पदनाम दिया जाए। ग्रेड पे में सुधार किया जाए एवं 300 अर्जित अवकाश दिवस का नकदीकरण के आदेश किया जाए।
  • अधिकारी-कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस का लाभ भी मिलें।
  • प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति जल्द दी जाए।
  • गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए।
  • अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए।
  • पंचायत सचिव एवं स्थाईकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।
  • वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध प्रकरण में गिरफ्तार नहीं की जाए।
  • वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पदनाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया जाए।
  • प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए।
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