जन्मदिवस आयोजन: शहीदे आज़म भगतसिंह से प्रेरणा लो, मज़दूर हक़ों के लिए 13 नवंबर दिल्ली चलो!

जयंती पर कार्यक्रमों में भगतसिंह याद किए गए। शहीद मज़दूर नेता शंकर गुहा नियोगी को भी याद किया गया। मज़दूर वर्ग विकराल हमलों के खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद हुई।

शाहीदे आज़म भगत सिंह के जन्म की 115वीं सालगिरह पर देश के विभिन्न हिस्सों में आज 28 सितंबर को विविध आयोजन हुए। इस दौरान भगत सिंह से प्रेरणा लेकर मज़दूर वर्ग पर हो रहे हमलों की मुखालफत हुई और भगत सिंह के सपनों के, मेहनतकश राज समाजवाद की स्थापना के लिए जुझारू संघर्ष का संकल्प बंधा।

अलग-अलग इलाके के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान मज़दूर विरोधी चार लेबर कोड, निजीकरण और मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 13 नवंबर को मासा के आह्वान पर दिल्ली चलने का ऐलान हुआ।

साथ ही शहीद मज़दूर नेता शंकर गुहा नियोगी को भी याद कर श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी 1991 में आज के ही दिन पूँजीपतियों ने हत्या कर दी थी।

सत्ता के बहरे कानों तक आवाज़ पहुंचाओ

वक्ताओं ने कहा कि याद करें शहीदे आज़म भगत सिंह का दौर जब अंग्रेजों ने मज़दूर आबादी के लिए खतरनाक ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट और घातक पब्लिक सेफ्टी बिल जैसे क़ानून बनाए थे, जिसके खिलाफ भगत सिंह और साथियों ने एसेंबली में बम फेंककर बहरे कानों तक अपनी आवाज बुलंद की थी।

वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह ने ग़ुलाम भारत की जिस संसद में बम फेंका था, उसी संसद में आज मज़दूरों को बंधुआ बनाने वाले और उससे भी खतरनाक चार श्रम संहिताएं (लेबर कोड्स) पास किए जा चुके हैं और मोदी सरकार उसे पूरे देश में एक साथ लागू करने में जुटी है।

वक्ताओं ने कहा कि जब देश में आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार देश में “अमृत महोत्सव” मना रही, तब देश की मेहनतकश जनता देसी-विदेशी पूंजी की गुलामी में बुरी तरह पिस रही है और तबाही की मार झेल रही है।

नोटबंदी से कोरोना महामारी तक मोदी सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों से जहां अडानी-अंबानी की मुनाफाखोर जमात पूंजी की बादशाह बन गई है, वहीं आम जनता रसातल में चली गई है, महँगाई-बेरोजगारी बेलगाम हो चुकी है।

आज जब, मज़दूरों को अधिकारविहीन बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें जुटी हैं पूँजीपतियों की चाकरी खुलकर सामने है। तब हमें एक बार फिर बुनियादी हक़ के लिए अपनी संग्रामी एकता को मजबूत करना होगा, अपनी मुक्तिकमी आवाज़ को बुलंद करना होगा! तभी सत्ता के बहरे कानों तक आवाज़ पहुंचेगी।

विविध कार्यक्रमों की झलक

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। मज़दूर सहयोग केंद्र के बैनर तले आज अंबेडकर पार्क रुद्रपुर में सभा हुई और भगत सिंह चौक तक रैली निकालकर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 13 नवंबर को मासा के आह्वान पर दिल्ली चलने का निर्णय हुआ।

युवा दलित नेता जगदीश चंद्र और अंकिता की निर्मम हत्या पर रोष प्रकट किया गया तथा पीड़ित परिवारों को न्याय देने की मांग बुलंद हुई। साथ ही मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी, को याद कर श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी 1991 में आज के ही दिन पूँजीपतियों ने हत्या कर दी थी।

कार्यक्रम में इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा, राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, पारले मजदूर संघ, भगवती श्रमिक संगठन, इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर, करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन, श्रीराम होंडा श्रमिक संगठन, नेस्ले कर्मचारी संगठन, महिंद्रा सीआईए श्रमिक संगठन, एडविक कर्मचारी संगठन, यजाकी वर्कर यूनियन, महिंद्रा कर्मकार यूनियन आदि शामिल रहे।

रुद्रपुर। इन्टरार्क मजदूर संगठन धरना स्थल पर भगत सिंह को याद करते हुए उनके विचारों एवं भावनाओं को गीतों व कविताओं के माध्यम से सामने गाया गया और विस्तृत रूप में भगत सिंह के बारे में चर्चा की गई।

वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों के शोषण और दमन को किसान,मज़दूर कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे, 4 अक्टूबर की मजदूर किसान महापंचायत उसका एक उदाहरण बनने जा रहा है।

नीमराना (राजस्थान)। रोचीज ब्रेवरीज श्रमिक एकता यूनियन नीमराणा के धरना स्थल पर कार्यक्रम हुआ, जिसमें डायडो मजदूर यूनियन, डाइकिन मजदूर यूनियन, रोचीज ब्रेवरीज श्रमिक एकता यूनियन व अन्य मजदूर संगठनों ने हिस्सा लिया।

नेथराना (राजस्थान)। हनुमानगढ़ के नेथराना स्थित 1 नंबर बस स्टैन्ड पर सभा हुई और मुख्य बाजार में मशाल जुलूस निकाला गया।

जयपुर (राजस्थान)। क्रांतिकारी नौजवान सभा द्वारा जयपुर में पंचवटी सर्किल से भगत सिंह पार्क तक, ज़ोरदार नारेबाजी के साथ रैली निकाली गई। पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर “ऐ भगत सिंह तू जिंदा है…” गीत से शहीदों को क्रांतिकारी सलामी दी गई और लाल झंडा लगाया गया।

इस मौके पर बैंगलौर आई संग्रामी घरेलू कामगार यूनियन की कामरेड रोज़ी ने बताया की आज आज़ादी के 75 साल बाद भी देश के हालत बद्तर स्थिति में है, बस्तियों में आज भी लोग भर पेट खाना, स्वास्थ्य सुविधाओं, बिजली-पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यह आज़ादी झूठी है, जहाँ केवल “गोरों” की जगह “काले” आम मेहनतकश जनता का खून पी रहे है।

कार्यक्रम में युवा कार्यकर्ताओं के साथ सफाई कर्मचारी, सर्वहारा एकता मंच, जयपुर सफाई मज़दूर यूनियन शामिल थे। नारेबाजी और ‘एक कथा सुनों रे लोगों…’ मज़दूर गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

गुड़गांव (हरियाणा)। क्रांतिकारी नौजवान सभा (केएनएस) द्वारा सीआरपी चौक से बस स्टैंड होते हुए प्रेम नगर बस्ती तक प्रभात फेरी निकली गई और भगत सिंह और आज के हालत पर चर्चा हुई।

कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट, जन संघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन व निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन द्वारा शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और भगतसिंह व उनके क्रांतिकारी साथियों की विचारधारा पर चलने का संकल्प लिया गया।

शहीद के चित्रों झण्डों के साथ अमीन रोड रेलवे रोड अंबेडकर चौक से होते हुए रामलीला ग्राउण्ड नजदीक पुराना बस स्टैण्ड कुरुक्षेत्र जुलूस निकालकर जनसभा हुई।

मुख्य वक्ता शहीद भगत सिंह दिशा मंच के राष्ट्रीय संयोजक कॉमरेड श्यामसुंदर ने कहा कि शहीद भगत सिंह पीड़ितों, मजदूरों, अनूसूचित जाति व जनजातियों, महिलाओं, नौजवानों के पथ प्रदर्शक हैं। उन्होंने मेहनतकश वर्ग को वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया। वे ऐसी आजादी चाहते थे जिसमें मानव द्वारा मानव का शोषण असम्भव हो और प्रत्येक क्षेत्र में सभी को सामाजिक व आर्थिक आजादी मिले।

सभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें फरीदाबाद में भगत सिंह चौंक पर लगी शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को हटाकर खट्टर सरकार व वहां के प्रशासन द्वारा विभाजन विभीषिका का बोर्ड व चित्र लगाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की और मांग की गई कि शहीद भगत सिंह चौंक फरीदाबाद में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को तुरन्त पुनः स्थापित किया जाए और अमृत महोत्सव के नाम पर शहीदे आजम की प्रतिमा हटाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

गोहाना (सोनीपत)। जनचेतना मंच, जन संघर्ष मंच हरियाणा, समतामूलक महिला संगठन व निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन द्वारा शहीद पार्क गोहाना में शहीद भगत सिंह को याद कर सभा हुई। पूंजीवाद मुर्दाबाद और समाजवाद ज़िन्दाबाद के नारे लगे।

फरीदाबाद (हरियाणा)। परिवर्तनकामी छात्र संगठन व इंकलाबी मजदूर केन्द्र द्वारा आजाद नगर मजदूर बस्ती में रैली निकाली गई और रामशरण चौक पर सभा हुई। सुबह पछास फरीदाबाद के साथियों ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों के बीच भगत सिंह का पैगाम पहुंचाया।

हरिद्वार (उत्तराखंड)। स्थानीय बीएच.ई.एल सेक्टर-4 सामुदायिक केंद्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों/यूनियनों द्वारा विचार गोष्ठी कर भगत सिंह के विचारों को आगे बढाने और उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का आयोजन इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने की।

हल्द्वानी (उत्तराखंड)। परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी के गेट पर भगत सिंह की फोटो रख उस पर पुष्प अर्पित किये। नौजवानों के बीच में भगत सिंह का संदेश दिया गया। भगत सिंह के विचारों से प्रेरित पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई।

कालाढूँगी (उत्तराखंड)। कालाढूगी सुरपुर गाँव में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने भगतसिंह के चित्र पर फूल माला चढ़ाकर याद किया। श्रदांजलि सभा में लोगों ने कहा कि सरकार का नारा हैं घर-घर जल, घर-घर नल को लागू करे, अगर सरकार मेहनतकशों की बात नहीं सुनाती हैं तो भविष्य में उग्र आंदोलन के करने को बाध्य होंगे।

रामनगर (उत्तराखंड)। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के नेतृत्व में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के साथियों के साथ मिलकर 28 सितम्बर शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस पर पीएनजी पीजी कॉलेज रामनगर में विचार गोष्ठी हुई।

बरेली (उत्तरप्रदेश)। पछास द्वारा बरेली कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बीच ‘भगत सिंह’ पर आर्ट और स्पीच प्रतियोगिता करवाई गई। इसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस बीच भगत सिंह के विचारों के बारे में बताते हुए विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भी वितरित किये गए।

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