विशाखापत्तनम: पुरानी पेंशन बहाली के लिए रक्षा नागरिक कर्मचारियों की महारैली

केंद्र से लेकर राज्य कर्मचारियों तक, रेलवे से लेकर बिजली तक ओपीएस आंदोलन लगातार मुखर है। हिमाचल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड आदि तमाम राज्यों में आंदोलन गतिमान है।

विशाखापत्तनम। पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों-शिक्षकों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में रक्षा नागरिक कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर पैदल यात्रा कर महारैली का आयोजन लिया।

यह यात्रा रक्षा समन्वय समिति के बैनर तले रविवार को जीवीएमसी के पास एनएडी कोठा रोड जंक्शन से गांधी प्रतिमा तक निकाली गई।

इस दौरान रक्षा समन्वय समिति के अध्यक्ष रेड्डी वेंकट राव ने याद किया कि मोदी सरकार को किसानों की लंबी लड़ाई के बाद 3 कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वे लंबी लड़ाई लड़कर केंद्र को नई पेंशन स्कीम को वापस लेने के मज़बूर कर सकते हैं। उन्होंने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने तक संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया।

नौसेना नागरिक कर्मचारी संघ के महासचिव पी. नागेश्वर राव ने कहा कि जो लोग 2004 में सेवा में शामिल हुए थे और अब सेवानिवृत्त हो गए हैं, उन्हें 3,000 रुपये से कम की पेंशन मिल रही है।

सभा को संबोधित करते हुए सीटू प्रदेश अध्यक्ष चौ. नरसिंह राव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप कॉर्पोरेट समूह राष्ट्र की संपत्ति का अधिग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कृष्णापट्टनम और गंगावरम बंदरगाहों को अडानी समूह को सौंप दिया गया था और केंद्र अब विशाखापत्तनम बंदरगाह में पांच बर्थ अदानी समूह को सौंपने की प्रक्रिया में है।

उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (वीएसपी) को भी उसी समूह को बेचा जाएगा और मज़दूरों से किसी भी कीमत पर इसका विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को जारी रखने की मांग को लेकर लगातार संघर्ष करने के लिए रक्षा कर्मचारियों की सराहना की।

गौरतलब है कि देशभर में पुरानी पेंशन स्कीम के मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं। राजस्थान सहित कई राज्यों ने अपने सरकारी कर्मचारियों को इसका फ़ायद भी देना शुरू कर दिया है। बीते दिनों झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार कैबिनेट में पुरानी पेंशन स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी है। झारखंड में यह योजना 1 सितम्बर 2022 से लागू हो चुकी है।

केंद्र से लेकर राज्य कर्मचारियों तक, रेलवे से लेकर बिजली तक ओपीएस आंदोलन लगातार मुखर है। हिमाचल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड आदि तमाम राज्यों में आंदोलन गतिमान है।

बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद वहां के सरकारी कर्मचारियों के मन में पुरानी पेंशन की बहाली की आस बंधने लगी है। इसको लेकर वहां के कर्मचारियों ने ट्विटर पर मैसेज भी देने शुरू कर दिये हैं।

ज्ञात हो कि तेजस्वी यादव ने बिहार में आरजेडी सरकार बनने पर पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा की थी।

साभार: वर्कर्स यूनिटी संपादित

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