बिजली निजीकरण के खिलाफ किसानों का तीन अक्तूबर को पंजाब भर में रेल रोकने का एलान

किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार अब बिजली वितरण का काम निजी घरानों को देने वाली है। इसके साथ-साथ किसानों की अन्य मांगें व बढ़ रही महंगाई का भी मुद्दा होगा।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने एक बार फिर तीन अक्तूबर को पंजाब भर में रेल रोकने का एलान किया है। कमेटी ने कहा कि पंजाब व केंद्र की सरकारें किसानों की मांगों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रही हैं। मजबूरन किसानों को रेल रोको आंदोलन करना पड़ रहा है। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए संगठन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य में करीब दो दर्जन स्थानों पर किसान ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के राज्य महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के किसान तीन अक्तूबर को तीन घंटे रेल सेवा ठप रखेंगे। किसानों का विरोध कुछ दिन पहले केंद्र सरकार के बिजली से संबंधित अधिसूचना के बाद शुरू हुआ है। इसके तहत सरकार ने बिजली वितरण का काम निजी हाथों में देने का फैसला लिया है। 


किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार अब बिजली वितरण का काम निजी घरानों को देने वाली है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ किसानों की अन्य मांगें व बढ़ रही महंगाई का भी मुद्दा होगा। पंधेर ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार बिजली का वितरण निजी कंपनियां करेंगी। बिजली वितरण का अधिकार राज्य सरकारों को है लेकिन यह नोटिफिकेशन जारी कर केंद्र सरकार इसे भी अपने हाथ में ले रही है और काम चहेतों को दे रही है।

उन्होंने कहा कि रुपये की कीमत सबसे निचले स्तर पर तकरीबन 81 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गई है। फरवरी 2022 से लेकर अब तक का अंतर करीब 6 रुपये है लेकिन इसके नुकसान आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। रुपया गिरने से खेती करना महंगा हो जाएगा। बीज से लेकर दवा तक महंगी हो जाएंगी। तेल के दाम बढ़ जाएंगे। इससे महंगाई बढ़ेगी और आम आदमी ही पिसेगा।

अमर उजाला से साभार

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