मध्यप्रदेश: पुरानी पेंशन बहाली की माँग को लेकर 2 अक्टूबर से आंदोलन होगा तेज    

साथ में प्रमोशन, परमानेंट, डीए के एरियर्स और मेडिकल इंश्योरेंस की मांग भी प्रदेश के कर्मचारियों ने की है। 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में कर्मचारी उपवास रखकर माँगें बुलंद कर आंदोलन आगे बढ़ाएंगे।

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा एक बार फिर उठेगा। साथ में प्रमोशन, परमानेंट, डीए के एरियर्स और मेडिकल इंश्योरेंस की मांग भी प्रदेश के कर्मचारियों ने की है। इसे लेकर 2 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन होगा। कर्मचारी उपवास रखकर सरकार से मांगों को पूरा करने का कहेंगे।

आंदोलन को लेकर मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बड़ी मीटिंग हुई। जिसमें आंदोलन की रणनीति बनाई गई। निर्णय लिया कि 2 अक्टूबर को सभी जिलों में कर्मचारी एक ही समय पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे दोपहर 12 से 2 बजे के बीच उपवास पर बैठेंगे। मीटिंग में अगले दो वर्ष के लिए मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र सिंह को फिर से संगठन की कमान सौंपी गई।

इसलिए उठा रहे पुरानी पेंशन बहाली का मामला

1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10% और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60% राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40% राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार, पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। DA बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है।

कर्मचारियों की यह मांगें भी

दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाईकर्मी, कर्मचारियों को विभागों में रिक्त विभिन्न पदों के विरुद्ध नियमितीकरण कर शेष पदों पर सीधी भर्ती किया जाए एवं कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए।

नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक ( शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक, गुरु) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता दी जाए।

लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जाए एवं सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए।

समयमान वेतनमान के आदेश के उपरांत सहायक शिक्षक/ शिक्षक एवं हेड मास्टर को वरिष्ठा और योग्यता के आधार पर पदोन्नति/ पदनाम दिया जाए। ग्रेड पे में सुधार किया जाए एवं 300 अर्जित अवकाश दिवस का नकदीकरण के आदेश किया जाए।

अधिकारी-कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस का लाभ भी मिलें।

प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति जल्द दी जाए।

गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए।

अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए।

पंचायत सचिव एवं स्थाईकर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।

वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध प्रकरण में गिरफ्तार नहीं की जाए।

वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पदनाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया जाए।

प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए।

दैनिक भास्कर से साभार

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