उपपा नेता जगदीश हत्याकांड के विरोध में विभिन्न प्रदर्शन; परिवार को न्याय देने की माँग

रुद्रपुर में जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन; अल्मोड़ा में जगदीश के परिवार के न्याय हेतु प्रदर्शन; देहरादून में पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन। 11 को भिक्यासैंण में विशाल प्रदर्शन का आह्वान।

विभिन्न मजदूर, समाजिक व राजनीतिक संगठनों द्वारा अल्मोड़ा जिले के भिक्याशेंड क्षेत्र में अन्तरजातीय विवाह करने पर दलित पृष्ठभूमि के उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता जगदीश की सावर्णों द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है।

इस दौरान हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने, पत्नी व बहन को समुचित संरक्षण व सरकारी नौकरी देने, इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की गयी।

रुद्रपुर: जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन

8 सितम्बर को रुद्रपुर के अम्बेडकर पार्क में विभिन्न मजदूर संगठनों, समाजिक संगठनों व ट्रेड यूनियनों द्वारा जगदीश की निर्मम हत्या के विरोध में सभा की गई व स्वर्ण जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन किया गया।

सभा में वस्ताओं ने कहा कि अल्मोडा जिले के भिक्यासैंड क्षेत्र में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित कार्यकर्ता की सावर्णों द्वारा मात्र इसलिए हत्या कर दी जाती है कि दलित कार्यकर्ता जगदीश ने कुछ दिन पूर्व स्वर्ण जाति की लड़की से प्रेम विवाह किया था। जगदीश व उसकी पत्नी द्वारा अल्मोडा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

लेकिन अपने जातिवादी या मानसिकता के चलते अल्मोडा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के जगदीश व उसकी पत्नी को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। 1 सितम्बर को जगदीश की पत्नी के परिवार जनों ने अन्य स्वर्ण दंबगों के साथ मिलकर जगदीश का अपहरण कर लिया और उसकी हत्या कर दी।

वक्ताओं ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी सरकारों द्वारा जातिवादी मानसिकता को समाप्त नहीं किया जा सका है उल्टा सरकारें ऐसी मानसिकता को बढ़ावा दे रही है। वर्तमान समय के देश में मौजूद बीजेपी की सरकारें ऐसी पिछडी सोच व मानसिकता को समाज के बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। यहाँ अन्तरजातीय विवाह करने पर दलित युवक की हत्या करने से भी परिजन नहीं घबराते और पुलिस प्रशासन व उत्तराखड सरकार की मानों के जूं तक नहीं रेंगती।

वक्ताओं ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव आयोजित करने वाली बीजेपी सरकार के मंत्रियों-विधायको व नेताओं द्वारा इस घटना की निंदा के एक शब्द नहीं कहना उनकी मानसिकता को उजागर कर देता है।

सभा में माँग की गई कि इस हत्या कांड के सभी दोषियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अल्मोड़ा जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को तुरंत बर्खास्त कर सजा दी जाए व मृतक जगदीश के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।

प्रदर्शन में मजदूर सहयोग केंद्र के अध्यक्ष मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के सुरेन्द्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश चंद्र तिवारी, सीपीआई के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, समता सैनिक दल के गोपाल गैतम, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के हरेन्द्र सिंह, यजाकि वर्कर यूनियन के रविन्द्र, परिवर्तन कामी छात्र संगठन के चंदन, भगवती माइक्रोमैक्स के दीपक सनवाल, लोकेश पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता महेश कुमार, नरेश कुमार आदि शामिल थे। संचालन दिनेश ने किया।

अल्मोड़ा: परिवार को न्याय दिलाने हेतु धरना-श्रद्धांजलि सभा

उपपा नेता जगदीश हत्याकांड के विरोध में यहां गांधीपार्क में विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित धरना व श्रद्धांजलि सभा में हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने, पत्नी व बहन को समुचित संरक्षण व सरकारी नौकरी देने, इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की गयी।

वक्ताओं ने इस मामले पर जन प्रतिनिधियों एवं मुख्यमंत्री की चुप्पी पर गहरा रोष जताते हुए कहा कि इससे इस मामले में राज्य सरकार की संलिप्तता स्पष्ट हो गयी है। अतः मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

धरने में संकल्प लिया गया कि समाज में फैले इस जातिवाद एवं मनुवाद के जहर के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। इसी क्रम में 11 सितम्बर को भिक्यासैंण में विशाल प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें आम जन से अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने की अपील की गयी।

वक्ताओं ने जिला एवं पुलिस प्रशासन पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि प्रशासन थोड़ा भी गंभीर होता तो इस जघन्य हत्याकांड को रोका जा सकता था। उन्होंने डी.आई.जी. के उस बयान पर गहरी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने जगदीश का उसके द्वारा बताये गये पते पर न मिलना बताया। वक्ताओं ने कहा कि जगदीश और उसकी पत्नी ने जिन लोगों से अपनी जान का खतरा बताया था, पुलिस द्वारा उनपर नजर रखी जानी चाहिए थी।

वक्ताओं ने राज्य में फैलाये जा रहे धार्मिक एवं जातीय उन्माद पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए सभी प्रगतिशील सामाजिक राजनैतिक संगठनों/व्यक्तियों से एकजुट होकर संघर्ष में शामिल होने की अपील की।

धरने को उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष पी.सी.तिवारी, नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश जोशी, अखिल भारतीय किसान सभा के दिनेश पांडे, जनवादी महिला समिति की सुनीता पांडे, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश परिहार, उत्तराखण्ड छात्र संगठन की भारती पांडे, दीक्षा सुयाल, भावना पांडे, उलोवा के दया कृष्ण कांडपाल, नरेश नौरियाल, एडवोकेट प्रेम राम, जीवन चन्द्र, सुनील ग्वाल, बाल प्रहरी के संपादक उदय किरौला, उपपा की केन्द्रीय सचिव आनन्दी वर्मा, नगर अध्यक्ष हीरा देवी, धीरेन्द्र मोहन पंत, वंदना कोहली आदि ने संबोधित किया।

संचालन सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर जोशी तथा एडवोकेट नारायण राम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को दिया ज्ञापन

देहरादून। प्रदेश के विभिन्न जन आंदोलनकारियों ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार से मुलाकात कर ज्ञापन दिया।

मांग की कि दिवंगत जगदीश चंद्र की हत्या एवं साजिश में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए; घटना के चश्मदीद गवाह के जानमाल की पुख्ता सुरक्षा की जाए; दिवंगत की पत्नी गीता को न्याय मिले; पत्नी वह बहन को सरकारी नौकरी मिले तथा परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए; जगदीश व उसकी पत्नी को समय रहते सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम जिम्मेदार अल्मोड़ा पुलिस प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए; जगदीश हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से की जाए।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका कमला पंत, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी रहे और विभिन्न हस्तियां शामिल हुई।

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