मानेसर: हिताची कंपनी में 200 ठेका मजदूर आंदोलन की राह पर; स्थाई करने की माँग

ठेका मज़दूरों के अनुसार नियमों के मुताबिक 240 दिन कार्य कर चुके सभी ठेका मज़दूरों को स्थाई काम पर स्थाई रोजगार दिया जाए। साथ ही उनके वेतन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए।
हरियाणा के गुड़गांव आईएमटी मानेसर में स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया प्रा लि के ठेका मजदूर लगातार प्रबंधन से परमानेंट करने की मांगा कर रहे हैं। लेकिन प्रबंधन की ओर कोई जवाब नहीं आ रहा है।
उल्टा प्रबंधन मज़दूरों पर झूठा आरोप लगा कर लगातार काम से निकालने की धमकियां दे रहा है।आप को बता दें कि हिताची में लगभग 200 ठेका मजदूर काम करते हैं। यह सभी मजदूर 26 जून 2022 से परमानेंट होने की मांग कर रहे हैं।
ठेका मज़दूरों का कहना है कम्पनी नियमों के अनुसार सभी ठेका मज़दूरों ने 240 दिन की अवधि कार्य करते पूरी कर ली है। अब सभी ठेका मज़दूरों को स्थाई काम पर स्थाई रोजगार दिया जाना चाहिए।साथ ही उनका कहना है कि उनके वेतन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए।
हिताची के एक ठेका मज़दूर ने नाम न बताने की शर्त पर वर्कर्स यूनिटी को बताया कि हम सभी मज़दूरों की बस एक यही मुख्य मांग है कि सभी ठेका मज़दूरों को परमानेंट किया जाए।
लेकिन अभी तक प्रबंधन ने मज़दूरों से इस विषय पर चर्चा भी नहीं की है। उल्टा मज़दूरों को प्लांट से निकालने की धमकियां देना शुरू कर दिया है।
जब प्रबंधन ने हमारी मांगो पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया तो सभी मज़दूरों की सामूहिक सहमति से अपनी मांगो का एक पत्र श्रम विभाग को दिया गया। बदकिस्मती से श्रम विभाग ने भी अभी तक हमारी मांगों पर प्रबंधन से सवाल जवाब नहीं किया है।
उनका कहना है कि प्लांट के अंदर ठेका और परमानेंट मज़दूर से एक जैसा काम करवाया जाता है। लेकिन दोनों के वेतन में बहुत बड़ा अंतर है।
हम सभी ठेका मज़दूर प्लांट में ऑपरेटर का काम करते हैं और वेतन हेल्पर का मिलता है इसलिए हम सभी मज़दूर प्रबंधन से एक ऐसे समझौते की मांग कर रहे हैं, जिससे संस्था और हमारी दोनों की तरक्की हो।
वर्कर्स यूनिटी से साभार