राजस्थान: बिजली आंदोलन को हुए 3 साल: जन मुद्दों पर जन अधिकार यात्रा का हुआ आगाज़

जन अधिकार यात्रा: आज़ादी के 75 साल बाद भी आज बिजली बिलों में बढ़ती लागत के साथ ही पानी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभुत मुद्दो पर भी आम मेहनतकाश जनता के हाल बेहाल हैं।

हनुमानगढ़ (राजस्थान)। बिजली आंदोलन के पूरे 3 साल होने पर बिजली, पानी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभुत जरूरतों के मुद्दे पर जन अधिकार यात्रा को बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले नेठराना, बरवाली व रामगढ़ की जनता ने सामूहिक रुप से रामगढ़ से आरंभ किया। जहां होली चौक पर सभा की गई।

इस मौके पर रामगढ़ सहित अलग-अलग गांवों से ग्रामीण उपस्थित रहे। सभा के दौरान जनता ने जन अधिकार यात्रा और बिजली आंदोलन को समर्थन दिया।

वक्ताओं ने कहा कि आज बिजली बिलों में बढ़ती लागत के साथ-साथ ही पानी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभुत मुद्दो पर भी आम मेहनतकाश जनता के हाल बेहाल हैं। आज़ादी के 75 साल बाद भी देश आज इन हालातों से आज़ाद नहीं हो पाया है।

मूलभूत मुद्दों की ख़राब हालत के साथ ही जाति-धर्म के नाम पर भी जनता को बाटने का काम लगातार कांग्रेस, बीजेपी व अन्य राजनितिक पार्टियों द्वारा किया जा रहा है।

वक्ताओं ने बताया कि आज जरुरत है की हम किसी एक नेता के पीछे चलने की बजाय एकजुट हों और अपनी हक की आवाज़ खुद उठायें और इन हालातों के खिलाफ़ जुझारू संघर्ष करें।

रामगढ़ के बाद जन अधिकार यात्रा उज्जलवास गांव पहुंची। उज्जलवास में ग्रामीणों के साथ यात्रा का मूल उद्देश्य समझाते हुए, ग्रामीणों के साथ उनकी समस्याओं चर्चा करने के बाद और 15 सितम्बर को भादरा एसडीएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन में आने के आह्वान के साथ सभा का समापन हुआ।

अज्जलवास के बाद यात्रा ढिलकी के लिए रवाना हुईं। ढीलकी में ग्रामीणों के बीच सभा की गई जिसमें भरपूर समर्थन मिला।

बिजली से जुड़ी मांगें:-

1- स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क, फ्यूल सरचार्ज व अन्य राशि के रूप में नाजायज वसूली बंद करो।

2- प्रत्येक परिवार को हर महीने 300 यूनिट बिजली निशुल्क करो।

3- कोरोना काल के बिजली बिल माफ करो।

4- घटिया और तेज गति से चलने वाले मीटर बदले जाएं।

5- बिजली अधिनियम 2022 खारिज करो व बिजली विभाग का निजीकरण बंद करो।

जनता के मूलभूत अधिकार के रूप में प्रमुख मांगें:

1- प्रत्येक गांव में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराओ।

2- हर गांव में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र हो जिसमें स्थाई प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति दी जाए।

3- फसल बीमा क्लेम जारी करो तथा किसानों को नहरों में हक़ का पूरा पानी दो, समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दो।

4- ग्रामीण व मनरेगा मजदूरों के लिए पूरे साल रोजगार उपलब्ध कराओ अन्यथा बेरोजगारी भत्ता दो।

5- बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर रोक लगाओ, नौजवानों को सम्मानजनक नौकरी दो ।

6- बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपए महीना करो।

7- पशुधन में फैली लंपी बीमारी को महामारी घोषित कर तुरंत इलाज शुरू किया जाए और पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाए।

8- देश की सरकारी संपत्ति और उपक्रमों को पूंजीपतियों को बेचना बंद करो और निजिकरण पर रोक लगाओ।

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