जातिवादी मानसिकता के शिकार मृतक जगदीश को न्याय दिलाने के लिए जगह-जगह प्रदर्शन

अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी, लालकुआँ में प्रदर्शन; मुख्यमंत्री के इस्तीफे एवं अल्मोड़ा के डीएम व एसएसपी की बर्खास्तगी की मांग; 11 सितंबर को भिकियासैंड में प्रदर्शन का ऐलान।
1 सितंबर को दलित जाति से आने वाले उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता जगदीश की भिकियासैंड में उनके सवर्ण जाति के ससुराल वालों द्वारा अपहरण जघन्य हत्या के विरोध में 4 सितंबर को गांव पनुवाद्योखन (अल्मोड़ा), नैनीताल, हल्द्वानी, लालकुआँ आदि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कहीं शोक सभा, कहीं पुतला दहन हुआ तो कहीं कैंडिल मार्च निकला।
भारी पुलिस बल की तैनाती में पनुवाद्योखन में हुई शोक सभा में दिवंगत जगदीश को श्रद्धांजलि अर्पित की गई साथ ही उसके सभी हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने का संकल्प व्यक्त किया गया।
पनुवाद्योखन की श्रद्धांजलि सभा में जाते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि जगदीश एक गरीब, वंचित परिवार से उठकर सल्ट क्षेत्र में सामाजिक, राजनीतिक बदलाव के लिए बेहद सक्रिय था। उसको कदम कदम पर भ्रष्ट सरकारी विभागों, पुलिस प्रशासन और उसे प्रतिद्वंदी मानने वाले लोगों के खुले और छिपे विरोध का सामना करना पड़ता था।

1 सितंबर को ऑनर किलिंग में हुई थी जगदीश की हत्या
1 सितंबर को दलित जाति से आने वाले उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता जगदीश की भिकियासैंड में उनके सवर्ण जाति के ससुराल वालों ने अन्य दबंगों के साथ मिलकर अपहरण के उपरांत बेहद जघन्य तरीके से हत्या कर थी।
उल्लेखनीय है कि जगदीश का कुछ ही दिन पूर्व सवर्ण जाति की गीता के साथ प्रेम विवाह हुआ था। तभी से गीता के सौतेले पिता व भाई दोनों को जान से मारने की धमकी देते हुये खोज रहे थे।
जगदीश और गीता ने इस संबंध में पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत देकर सुरक्षा प्रदान करने की गुहार भी लगाई थी लेकिन सवर्ण मानसिकता से ग्रसित पुलिस प्रशासन ने इसे अनदेखा कर दिया था।
जगदीश के अपहरण की सूचना मिलने पर 1 सितंबर को जब उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने आवाज़ उठाई तब पुलिस प्रशासन हरकत में आया। लेकिन तब तक जाति अहंकार में जगदीश की निर्ममता पूर्वक हत्या हो चुकी थी। पुलिस ने लाश को ठिकाने लगाने जा रहे गीता के सौतेले पिता व भाई एवं सगी मां को जगदीश के क्षत विक्षत शव के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पोस्टमॉर्टम के उपरांत अल्मोड़ा प्रशासन ने जगदीश के पार्थिव शरीर को घर ले जाने नहीं दिया और 2 सितंबर की रात को ही भारी पुलिस पहरे में जबरन उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया।

पनुवाद्योखन (अल्मोड़ा) में शोक सभा
आज 4 सितंबर को शोक सभा में पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के रुख पर लोगों ने जमकर अपना गुस्सा व्यक्त किया और एक स्वर में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के इस्तीफे और अल्मोड़ा के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त किये जाने की मांग की। साथ ही जगदीश के अन्य अपहरणकर्ताओं एवं हत्यारों को भी तत्काल गिरफ्तार करने, उसके परिजनों को 1 करोड़ का मुआवजा देने एवं उसकी पत्नी व बहन को सरकारी नौकरी दिये जाने की भी मांग की गई।
इसके साथ सभा में ही जगदीश और गीता को न्याय दिलाने के लिये आने वाली 11 सितंबर को भिकियासैंड में धरना, विरोध-प्रदर्शन की भी घोषणा की गई।
शोक सभा के अंत में वहां पहुंचे विधायक प्रतिनिधि एवं उनके साथ आये अन्य छुटभैयों को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई और जगदीश के परिवार की कोई सुध न लेने और इस जघन्य हत्याकांड के विरोध में एक बयान तक न जारी करने पर सांसद, विधायक और मंत्रियों के प्रति अपना आक्रोश जाहिर किया।
शोक सभा में पनुवाद्योन के ग्रामीणों के के साथ उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी लोक मंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, महिला एकता मंच आदि के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की और आंदोलन को व्यापक बनाने का आह्वान किया।

लालकुआँ में पुतला दहन
इस घटना के विरोध में नैनीताल जिला के लालकुआँ के कार रोड मेन मार्केट मे विभिन्न संगठनों द्वारा का बाजार में जुलूस निकाला गया, जिसमें जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन किया गया।
कार रोड चौराहे पर हुई सभा में कार्यकर्ताओं ने जगदीश चंद्र के हत्यारों का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर तत्काल अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग हुई तथा जगदीश के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने; जगदीश के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने तथा जगदीश चंद्र तथा उसकी पत्नी द्वारा पुलिस प्रशासन को सुरक्षा के लिए दिए गये प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की गई।
प्रदर्शन में प्रगतिशील युवा संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, सर्वोदय शिल्पकार सेवा समिति, सर्व श्रमिक निर्माण कर्मकार संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, शिल्पकार समाज संगठन, मुंशी हरिप्रसाद टम्टा समिति, अंबेडकर पार्क सेवा समिति, आदि से जुड़े अनेक महिलाओं तथा युवाओं की भागीदारी रही।
नैनीताल में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन
नैनीताल। जगदीश चंद्र की हत्या की नैनीताल पीपुल्स फोरम ने घोर भर्त्सना की व जातिवादी दलित मानसिकता के खिलाफ तल्लीताल गांधी मूर्ति के पास मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में प्रोफेसर उमा भट्ट, प्रोफेसर शीला रजवार, प्रोफेसर शेखर पाठक, प्रदीप पांडे, कैलाश जोशी, दिनेश उपाध्याय, माया चीलवाल, भारती जोशी, हरीश पाठक प्रियंका, भूमिका, जिया पाठक, तुषार पाठक, किशोर कुमार जोशी, परिवर्धन डांगी सहित तमाम लोग शामिल रहे।

हल्द्वानी में शोक सभा
हल्द्वानी (नैनीताल) में आयोजित शोक सभा में वक्ताओं ने समाज में जाति और वर्ण भेद की इस घृणित मानसिकता और सामाजिक अपराध के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। सबने एकमत होकर सरकार से जगदीश चंद्र के परिवार को मुआवजा देने और उनकी पत्नी को आर्थिक, सामाजिक जीवन की सुरक्षा के लिए सरकारी नौकरी देने की माँग हुई।
वक्ताओं ने कहा कि अपराधियों को कठोरतम देकर समाज में ऑनर किलिंग की मानसिकता के खिलाफ एक नजीर बनानी आवश्यक है। साथ ही सामाजिक न्याय और उनकी पत्नी को सम्मान जनक जीवन जीने के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों से सहयता के लिए आगे आने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।