ऐप लोन और क्रेडिट कार्ड का मकड़जाल: कर्जदाता माफियाओं ने ली श्रमिक मनीष तिवारी की जान

खुदकुशी करने वाले मनीष की जेब से निकली पर्ची में लिखा है कि “एक महीने का समय मिल जाता तो सब ठीक हो जाता लेकिन क्रेडिट कार्ड वाले चोर हैं 10% महीने का फाइन लगा रहे हैं…।”

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूँजीवाद के इस भयावह दौर में तरह-तरह के ऐसे धंधे पनपे हैं, जिसमें सीधे-साधे आम मज़दूरों से लेकर माध्यम वर्ग तक की आबादी को लालच देकर, उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उनको कर्ज के दलदल में फँसाया जाता है, फिर सबकुछ सोखकर उसे अवसाद में धकेलने से लेकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने तक पहुंचा दिया जाता है।

ऐसी ही भयावह घटना का शिकार महिंद्रा सीआईई, लालपुर के श्रमिक मनीष तिवारी हुआ, जिसने 2 सितंबर की रात लालपुर स्थित अपने कमरे में फंदे से लटक गया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मनीष ने एक ऐसे समय में खुदकुशी की जब जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी और अपने सपनों का मकान उसने लगभग बना ली थी।

जाल में फंसाने वाले लोन माफियाओं से सावधान रहना होगा!

आज 4 सितंबर को महिंद्रा सीआईई श्रमिक संगठन के कोषाध्यक्ष मनीष तिवारी के निधन पर स्थानीय आहूजा धर्मशाला में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई।

वक्ताओं ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मनीष को ऐप आधारित लोन और क्रेडिट कार्ड के मकड़जाल में फंसाकर आत्महत्या की ओर धकेल दिया इसलिए यह इन माफियाओं द्वारा की गई हत्या है।

वक्ताओं ने बताया कि मनीष फैक्ट्री में अपने कार्यों के प्रति समर्पित और यूनियन के सक्रिय नेता थे। कुछ निजी जरूरतों से वे कर्ज लेने के चक्कर में ऐप आधारित कर्जदाताओं और क्रेडिट कार्ड के चक्रव्यूह में फंस गए और खुद को खत्म करके परिवार, होने वाली पत्नी और मज़दूरों को शोकाकुल छोड़ गए।

वक्ताओं ने बताया कि उनके जेब से जो पर्ची मिली है उसमें लिखा है कि “एक महीने का समय मिल जाता तो सब ठीक हो जाता लेकिन क्रेडिट कार्ड वाले चोर हैं 10% महीने का फाइन लगा रहे हैं…।”

पर्ची में यह भी लिखा है कि “मोबाइल जमा करने से पहले एक बार नेट ऑन कर लेना…।” इससे साफ है कि उनके फोन में आत्महत्या संबंधी बहुत से राज हैं जो फोन अभी पुलिस के पास जमा है।

सभा में यह स्पष्ट रेखांकित हुआ कि लोन देने के नाम पर सीधे-साधे लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले माफियाओं से सावधान रहना होगा!

पोस्टमार्टम के समय भी आया ऐप वालों का फोन

मनीष तिवारी के सहकर्मियों ने बताया कि ऐप वालों के मैसेज उनके परिवार के लोगों और कुछ साथियों के पास भी आ रहे थे जिसमें गाली गलौज और धमकियां थीं, जो उन्हें खुदकुशी की ओर धकेल रही थीं।

जब 3 सितंबर को उनका पोस्टमार्टम चल रहा था तब उस समय भी एक ऐप वाले का फोन उनकी मां के पास आया जिसमें वह धमकी दे रहा था कि लोन जमा करो, अन्यथा लड़का खतरे में पड़ जाएगा। परिजनों और मित्रों ने इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को भी दी।

मज़दूरों के प्रति अंतिम समय तक रहा समर्पित

वक्ताओं ने कहा कि मज़दूरों के प्रति अंतिम समय तक मनीष समर्पित रहा। इसकी जेब से मिली एक अन्य पर्ची में कंपनी के प्लांट हेड और एचआर प्रबंधक को संबोधित कर लिखा है कि क्वालिटी व प्रेस शॉप के श्रमिकों को स्किलड़ कर दो!

महिंद्रा सीआई श्रमिक संगठन ने स्पष्ट किया कि मनीष तिवारी के हत्यारे लोन माफियाओं के खिलाफ कानूनी और जमीनी लड़ाई लड़ेंगे, जब तक इन पर कानूनी कार्रवाई नहीं हो जाती।

सभा में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के महासचिव चंद्रमोहन लखेडा, मज़दूर सहयोग केंद्र के मुकुल, इंकलाबी मज़दूर केंद्र के सुरेंद्र, भगवती श्रमिक संगठन के दीपक सनवाल, प्रकाश, थाई सुमित नील ऑटो कामगार संगठन के भीम प्रसाद, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ के धीरज जोशी, कारोलिया लाइटिंग इंप्लाइज यूनियन के हरेंद्र सिंह, नेस्ले कर्मचारी संगठन के अरविंद कुमार, आनंद निशिकावा इंप्लाइज यूनियन के नरेश सक्सेना, यजाकी वर्कर्स यूनियन के धर्मेंद्र कुमार, इन्टरार्क मज़दूर संगठन के सौरभ कुमार, डेल्टा इंप्लाइज यूनियन के विद्यासागर आदि ने विचार प्रकट किए।

साथ ही महिंद्रा सीआईए स्टाफ से सुशील शर्मा, अनुज त्यागी ने और सहकर्मी श्रमिकों में नरेश कुमार, केएम मिश्रा, मनोहर सिंह, हीराराम, हेमचंद्र, राजेश कुशवाहा, सुनील राणा, कृष्ण कुमार, भीम सिंह, भूपेंद्र कुमार, दीपक कुमार आदि ने अपनी बातें रखीं।

अंत में महिंद्रा सीआईए श्रमिक संगठन के अध्यक्ष दीपक प्रसाद में मनीष भाई को न्याय दिलाने के संकल्प के साथ शोक सभा समाप्त की। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अध्यक्ष दर्शन लाल ने किया।

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