लेबर कोड्स रद्द करो, निजीकरण बंद करो: मासा का मज़दूर कन्वेन्शन 28 अगस्त को दिल्ली में

तिरुपति में नए लेबर कोड को लागू करने की जोर-अजमाइश में श्रम मंत्रियों का सम्मेलन हुआ, तो इन हमलों के विरोध में मासा राजेन्द्र भवन, आइटीओ, दिल्ली में कन्वेन्शन करेगा।
25-26 अगस्त को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में नए लेबर कोड को लागू करने की कवायद के तहत दो दिवसीय राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन का आयोजन हुआ। वहीं इन लेबर कोड्स का विरोध भी मुखर है। इस क्रम में देश के जुझारू मज़दूर यूनियनों-संगठनों के साझा मंच मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) द्वारा 28 अगस्त को दिल्ली के आइटीओ स्थित राजेन्द्र भवन में कन्वेन्शन आयोजित होगा।
तिरुपति सम्मलेन में सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र के श्रम मंत्रियों और सचिवों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लच्छेदार भाषण में कॉरपोरेट मालिकों की बेशर्मी से वफादारी निभाई। सम्मेलन ने स्पष्ट किया कि देश के लगभग सभी राज्य नए लेबर कोड को लागू करने के लिए तैयार हैं।
इसके समांतर मासा ने मज़दूर-विरोधी चार लेबर कोड तत्काल रद्द करने, सार्वजनिक उद्योगों-संपत्तियों का निजीकरण बंद करने सहित विभिन्न माँगों को लेकर मज़दूर वर्ग का निरंतर, जुझारू और निर्णायक संघर्ष तेज करने का ऐलान किया है।
मासा ने विरोध के नाम पर कुछ एक प्रदर्शनों और सालाना हड़तालों की रस्मअदायगी से बाहर निकालने का आह्वान करते हुए आगामी 13 नवंबर को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान से राष्ट्रपति भवन तक मार्च का आह्वान किया है।
आंदोलन नई ऊंचाई पर लाने के इस क्रम में मासा ने पिछले दिनों 2 जुलाई को पूर्वी भारत का कोलकाता में और 31 जुलाई को दक्षिण भारत का हैदराबाद में कन्वेन्शन कर चुका है। अब मासा का उत्तर भारत कन्वेन्शन 28 अगस्त, 2022 को राजेन्द्र भवन, आईटीओ, नई दिल्ली में होगा।
कन्वेन्शन का स्थान परिवर्तन
मासा द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत उत्तर भारत कन्वेन्शन 28 अगस्त, 2022 को राजा राम मोहन रॉय हॉल, आईटीओ, नई दिल्ली में होना था, जो तकनीकी कारण से उसी तिथि 28 अगस्त को इसके बगल में स्थित राजेन्द्र भवन, आईटीओ, नई दिल्ली में होगा।
निरंतर, जुझारू और निर्णायक आंदोलन की जरूरत
मासा का स्पष्ट मत है कि मज़दूर विरोधी श्रम संहिताओं को रद्द करके मज़दूर-पक्षीय श्रम कानून बनाने, निजीकरण के जरिये देश बेचने की प्रक्रिया को रद्द करके सभी बुनियादी उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करने, संगठित-असंगठित क्षेत्र के सभी मज़दूरों के सम्मानजनक स्थायी रोजगार और जायज अधिकारों के लिए संघर्ष को एक निरंतर, जुझारू और निर्णायक दिशा देना आज बेहद जरूरी बन गया है, जिसको असल में इस शोषण पर टिकी दमनकारी व्यवस्था को ही बदलने के संघर्ष में तब्दील करना पड़ेगा।
मासा इसी दिशा में मज़दूर वर्ग के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मज़दूर व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ और मज़दूर पक्षधर मांगों के साथ मासा देश भर में प्रचार आंदोलन चला रहा है। इस कड़ी में पूर्व व दक्षिण भारत के बाद दिल्ली में 28 अगस्त 2022 को उत्तर भारत का मज़दूर कन्वेंशन आयोजित किया जा रहा है।
इन्हीं मांगों को हासिल करने के लिए आगामी 13 नवंबर 2022 को देश भर के संघर्षशील मज़दूर साथी दिल्ली की सड़कों पर विशाल मज़दूर रैली निकालकर राष्ट्रपति भवन चलेंगे। इस संघर्ष में हर सचेत मज़दूर साथी की सक्रिय भागीदारी की ज़रूरत है।
मासा ने अपील की है कि मेहनतकश वर्ग के सभी तबकों को अपने इलाका/कार्यस्थल में इस संघर्ष को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। आज के हमलावर और कठिन दौर में मज़दूर वर्ग की वर्गीय एकता और जुझारू संघर्ष ही निर्णायक जीत दिला सकती है!
मासा की केंद्रीय मांगें :
- मज़दूर विरोधी चार श्रम संहिताएं तत्काल रद्द करो! श्रम कानूनों में मज़दूर-पक्षीय सुधार करो!
- बैंक, बीमा, कोयला, गैस-तेल, परिवहन, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि समस्त सार्वजनिक क्षेत्र-उद्योगों-संपत्तियों का किसी भी तरह का निजीकरण बंद करो!
- बिना शर्त सभी श्रमिकों को यूनियन गठन व हड़ताल-प्रदर्शन का मौलिक व जनवादी अधिकार दो! छटनी-बंदी-ले ऑफ गैरकानूनी घोषित करो!
- ठेका प्रथा ख़त्म करो, फिक्स्ड टर्म-नीम ट्रेनी आदि संविदा आधारित रोजगार बंद करो – सभी मज़दूरों के लिए 60 साल तक स्थायी नौकरी, पेंशन-मातृत्व अवकाश सहित सभी सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल पर सुरक्षा की गारंटी दो! गिग-प्लेटफ़ॉर्म वर्कर, आशा-आंगनवाड़ी-मिड डे मिल आदि स्कीम वर्कर, आई टी, घरेलू कामगार आदि को ‘कर्मकार’ का दर्जा व समस्त अधिकार दो!
- देश के सभी मज़दूरों के लिए दैनिक न्यूनतम मजदूरी ₹1000 (मासिक ₹26000) और बेरोजगारी भत्ता महीने में ₹15000 लागू करो!
- समस्त ग्रामीण मज़दूरों को पूरे साल कार्य की उपलब्धता की गारंटी दो! प्रवासी व ग्रामीण मज़दूर सहित सभी मज़दूरों के लिए कार्य स्थल से नजदीक पक्का आवास-पानी-शिक्षा-स्वास्थ्य-क्रेच की सुविधा और सार्वजनिक राशन सुविधा सुनिश्चित करो!