दलित छात्रों की हत्या व गैंगरेप अपराधियों की रिहाई के विरोध में जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन

उत्तरप्रदेश और राजस्थान में शिक्षकों की पिटाई से दलित छात्रों की हत्या और बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के अपराधियों को रिहा करने के विरोध में सभा व जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन हुआ।
पंतनगर (उत्तराखंड)। इंकलाबी मजदूर केन्द्र, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर तथा प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले और राजस्थान के सुराणा गांव जिला जालौर में दलित छात्रों की पिटाई, हत्या और बिल्किस बानो के साथ गैंगरेप के दोषी 11 आजीवन कारावास के अपराधियों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा करने के विरोध में शहीद स्मारक पंतनगर पर सभा की गई और हिन्दू स्वर्ण जातिवादी मानसिकता का पुतला दहन हुआ।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान के सुराणा गांव में सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा 3 में पढ़ने वाले 9 वर्षीय छात्र की 20 जुलाई को मटके से पानी पीने पर शिक्षक ने पिटाई कर दी। 13 अगस्त को गुजरात के अस्पताल में छात्र की मौत हो गई। इसी तरह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में 8 अगस्त को 250 रुपये फीस नहीं चुका पाने पर पंडित ब्रह्म दत्त उत्तर माध्यमिक विद्यालय चैलाही सिरसिया श्रावस्ती में पढ़ने वाले 13 वर्षीय छात्र की शिक्षक द्वारा पिटाई से मेडिकल कॉलेज बहराइच में 17 अगस्त को मौत हो गई।
सरकार आज़ादी के अमृत महोत्सव और अमृत काल की बातें कर रही हैं। आजादी के 75 सालों बाद भी आज जाति व्यवस्था का असर इतना ज्यादा है कि दलित छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
वक्ताओं ने कहा कि ऐसी कितनी ही घटनायें रोज-ब-रोज हमें देखने-सुनने को मिलती रहती हैं, जिनमें सवर्ण मानसिकता से ग्रसित लोग दलित जातियों के लोगों के साथ अत्याचार करते हैं। और आज का शासक वर्ग इन घटनाओं को रोकने के बजाय केवल लफ्फाज़ी करता है। केंद्र में बैठी आरएसएस समर्थित भाजपा सरकार के राज में दलितों के ऊपर अत्याचार की घटनायें बढ़ती गयी हैं क्योंकि आरआरएस का एजेंडा भारत में मनुस्मृति की व्यवस्था लागू करने का है। जिसमें दलित सबसे निचले पायदान पर हैं। आज “हिन्दू राष्ट्र” की चर्चा और दलित हिंसा की घटनाओं में साथ-साथ बढ़ोतरी हो रही है। कथित हिन्दू राष्ट्र की चर्चा में फरीदाबाद में 17 अगस्त को दलित मजदूर की 09 वर्ष की अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि गुजरात में बिलकस बनो के साथ गैंगरेप करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कर गुजरात की संघी सरकार द्वारा 11 अपराधियों को जेल से रिहा कर दिया गया है। जब सीबीआई और निचली अदालत, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट आदि सभी बेंचो द्वारा अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2019 में पीड़ित को राहत देने और अपराधियों को आजीवन सजा क़ायम रखी गई थी।
पर न्यायपालिका और सरकार की मिलीभगत के चलते बचाव पक्ष की सजा माफी अर्जी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात सरकार के पाले में डाल देती है और गुजरात सरकार द्वारा अपराधियों को आजीवन सजा माफ़ कर रिहा कर दिया जाता है। और भाजपा विधायक द्वारा अपराधियों को मिठाई खिलाकर फूल माला से स्वागत किया जा रहा है।
इन कृत्यों से समाज में क्या विकृति आएगी, अपराध और बढ़ेंगे। इसकी चिंता न सरकार को है और न ही न्यायापालिका को है। यह सब भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कर गुजरात मे होने वाले चुनाव में बोट बैंक की खातिर किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर सरकार की जनविरोधी नीतियों का खुलासा करने वाले निर्दोष पत्रकार, मजदूरों की आवाज़ उठाने वाले कार्यकर्ता वर्षों से जेल की सजा काट रहे हैं। इसकी निंदा करते हुए बिलकिस बानो को न्याय देने की मांग की गई। दलित छात्रों और महिला अपराधों पर रोक लगाने की मांग की गई। अंत मे हिन्दू स्वर्ण जातिवादी मानसिकता का पुतला फूका गया।
कार्यक्रम में मीना, लक्ष्मी पंत, ,पूजा, मीनू, राजकली, राशिद, रमेश कुमार, मनोज कुमार, सुभाष प्रसाद भरत यादव अभिलाख सिंह, श्रवण कुमार, पृथ्वी राज गौतम, सुरेश, अर्जुन सिंह, राजू, पारसनाथ, माधव, रामानंद यादव, प्रदीप कुमार, राजेन्द्र आदि शामिल रहे।