छत्तीसगढ़: हड़ताल से दफ्तरों में पसरा सन्नाटा; कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला

कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के 96 संगठन शामिल हैं। इधर, लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के हड़ताल से हटने से नाराज कर्मचारी संघ छोड़कर आंदोलन में कूद पड़े।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कर्मचारियों के आंदोलन के चलते कई विभागों के दफ्तरों में सन्नाटा पसर गया है। रजिस्ट्री ऑफिस सहित अन्य विभागों में तालेबंदी के हालात बन गए हैं। नेहरु चौक में कर्मचारी नेताओं के साथ ही बड़ी संख्या में एकजुट होकर कर्मचारी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। इधर, आंदोलन को लेकर लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ अलग हो गया है। हड़ताल वापस लेने से नाराज पदाधिकारियों ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है और आंदोलन में कूद गए हैं।
दरअसल, अनिश्चित कालीन आंदोलन शुरू होने से ठीक एक दिन पहले रविवार की शाम लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ और भृत्य संघ ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया। इसके चलते प्रदेश के विभिन्न जिलों के पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष से नाराज हो गए हैं। गरियाबंद, धरमजयगढ़ सहित कई जिलों के नाराज पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, और आंदोलन में कूद गए हैं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष का विरोध शुरू कर दिए हैं, और बिना सर्वसम्मति के हड़ताल वापस लेने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों की नाराजगी के चलते प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया है। दैनिक भास्कर ने उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका।
कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले आयोजित इस आंदोलन में प्रदेश के 96 संगठन शामिल हैं। सोमवार को दोपहर आंदोलन शुरू होने से पहले ही कर्मचारी अपने दफ्तर जाने के बजाए नेहरु चौक में जुटने लगे थे। दोपहर 12 बजे तक कर्मचारी नेताओं के साथ ही बड़ी संख्या में आंदोलनकारी कर्मचारी धरनास्थल पहुंच गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इससे पहले 25 से 30 जुलाई तक कामबंद आंदोलन किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया है। फेडरेशन केंद्र सरकार की तरह महंगाई भत्ते की मांग पर अड़ा है।
इधर, कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कंपोजिट बिल्डिंग के कई दफ्तरों में गिने-चुने कर्मचारी काम करते नजर आए। वहीं, रजिस्ट्री ऑफिस सहित कई विभागों में तालेबंदी की स्थिति है। कर्मचारियों के व्यापक आंदोलन को देखते हुए प्रशासन न तो कोई पहल कर पाई है और न ही कार्रवाई कर सकी है।
कर्मचारी फेडरेशन के हड़ताल को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, पुलिस बल ने कर्मचारियों को रोकने की कोशिश नहीं की। उनका कहना था कि सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाने के लिए उनकी ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को रोकना मुश्किल है।
अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अंदोलन को ओबीसी महासभा ने समर्थन दिया है। इस संबंध में महासभा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि कर्मचारियों की मांग जल्द पूरा करें।
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 22 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता मिलता है। फेडरेशन की मांग है कि सरकार पड़ोसी राज्य की तरह हमें भी 34 प्रतिशत भत्ता प्रदान करे। यह मांग पूरी होने पर ही अनिश्चितकालीन आंदोलन समाप्त होगा।
दैनिक भास्कर से साभार