गया में प्रदर्शन: भूमाफिया की गुंडागर्दी का विरोध और जमीन, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की माँग

विरोध प्रदर्शन सर्वहारा जन मोर्चा के आह्वान पर हुआ। जिलाधिकारी ने ज्ञापन लेकर 23 अगस्त को नावां गांव में आकर गांववासियों की मांगों को सुनने का आश्वासन भी दिया।
गया (बिहार)। बोधगया के नावां गांव में भूमाफिया द्वारा दलितों की जमीन कब्जा करने की मंशा से की गई हालिया (फायरिंग सहित) गुंडागर्दी के खिलाफ कार्रवाई करने और गरीब भूमिहीनों को सरकारी घोषणानुसार जमीन आवंटित करने तथा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की मांग को लेकर सर्वहारा जन मोर्चा के आह्वान पर जिले के कई गांवों की जनता द्वारा आज 22 अगस्त को जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला गया और आम सभा का आयोजन हुआ।
आज गया में बिहार के मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के आगमन के कारण पूरे शहर में आवाजाही को लगभग रोक दिया गया था। इसी क्रम में जुलूस को भी प्रशासन द्वारा सिकड़िया मोड़ पर रोका गया लेकिन सजमो कार्यकर्ताओं व जनता के दृढ़ निश्चय की बदौलत रोक के बावजूद गांववासी शांतिपूर्वक पैदल ही आगे बढ़ चले।
कुछ ही आगे फिर से रोक लगने पर जनता के जुझारूपन को देखते हुए जिलाधिकारी स्वयं स्थल पर आ गए। जिलाधिकारी महोदय द्वारा ज्ञापन लिया गया और अगले दिन यानी 23 अगस्त को नावां गांव में आकर गांववासियों की मांगों/बातों को सुनने का आश्वासन भी दिया गया।

ज्ञापन सौंपने के बाद गया मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पास स्थित ग्राउंड में शाम 3 बजे तक आम सभा का आयोजन हुआ, जिसमें आगे के संघर्ष के विषय पर कार्यकर्ताओं व गांववासियों ने अपने विचार रखे। गुंडागर्दी के कारण रोष से भरे गांववासियों ने सभा में भू-माफिया व दलालों से खुलकर लोहा लेने और संघर्ष को तेज करने की बात दुहराई।
सभा में नावां व आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में जनता के साथ-साथ सजमो परैया व टेकारी प्रखंड कमिटी के भी सदस्य शामिल हुए। दर्जनों गांववासियों ने वक्तव्य रखे और महिलाओं व कुछ पुरुष साथियों ने जोशीले क्रांतिकारी गीत भी प्रस्तुत किए।
सभा के अंत में सर्वहारा जन मोर्चा के बिहार सचिव साथी सौजन्य ने जनता को उनकी जीवन-जीविका से जुड़ी मांगों व जमीन की लड़ाई को जमीन पर लड़ने की तैयारी करने का आह्वान किया। साथ ही अधिकारियों को चेताया कि जनता को लड़ाई तेज करने पर मजबूर न किया जाए और इसके लिए उनकी मांगों पर कार्रवाई सहित दलाली, गुंडागर्दी इत्यादि से उन्हें मुक्त किया जाए। मजदूर एकता जिंदाबाद व पूंजीवाद, गुंडागर्दी और सभी तरह के उत्पीड़न के खात्मे पर जोशीले गगनचुंबी नारों के साथ सभा का अंत किया गया।