आज़ादी के जश्न के बीच महंगाई और बेरोज़गारी पर उठे प्रश्न

ग्रामीण और शहरी मज़दूरों, छोटे किसानों, युवाओं और छात्रों ने गाँव-बस्ती के स्तर पर किया विमर्श: क्या हो देश की बढ़ती बदहाली और गहराते सामाजिक संकट का समाधान?

सरकार द्वारा 15 अगस्त के मौके पर ‘घर-घर तिरंगा’ व ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के बीच हरियाणा के विभिन जिलों में जन संघर्ष मंच और क्रांतिकारी नौजवान सभा ने ‘बढ़ती बेरोज़गारी, महंगाई और सामाजिक संकट का समाधान क्या हो?’ के विषय पर जन-अभियान का आयोजन किया। शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस 23 जुलाई से 15 अगस्त तक चलाया गया यह अभियान हरियाणा के कुरुक्षेत्र शहर से शुरू हो कर नरवाना, जींद, कैथल, रोहतक और गुडगाँव जिलों के गाँव तक पहुंचा। अभियान की शुरुआत कुरुक्षेत्र में जनसभा से की गयी। इसके उपरान्त विभिन्न जगहों पर ग्रामीण मज़दूरों, छोटे-सीमांत किसानों, युवाओं, छात्रों, शहरी असंगठित मज़दूरों की बस्तियों में लोगों के साथ आज़ादी के मायनों और मेहनतकश जनता के आज़ादी के 75 सालों के अनुभव पर बैठकों और विचार विमर्श का आयोजन किया गया। कार्यकर्ताओं ने लोगों के बीच आज़ादी के संघर्ष के इतिहास, क्रांतिकारी शहीदों द्वारा रखे गए आज़ादी की शर्तों, मौजूदा सरकार की जनता विरोधी नीतियों और आज के मौजूदा हालातों पर जानकारी साझा की। मेहनतकश जनता द्वारा अनुभव की जा रही चुनौतियों का संगठित रूप से सामना करना, आज फैलाई जा रही नफरत की राजनीति के सामने मज़दूर और मेहनतकश ग्रामीण आबादी की एकता बनाना, सांप्रदायिक राजनीति का प्रदाफाश करना और भाजपा-आरएसएस द्वारा इस्तेमाल की जा रही झूठी देशभक्ति का पर्दा फाश करते हुए भगत सिंह, आज़ाद और उनके साथियों के देश के लिए क्रांतिकारी बलिदानों को याद करना और उनकी राह पर चलना अभियान के मुख्य भारकेंद्र रहे।

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