महंगाई-बेरोजगारी-जातिवाद व सफाई मज़दूरों की खराब हालतों के खिलाफ जमीनी लड़ाई का आह्वान

क्रान्तिकारी विचारों से ही समाज बदलाव संभव! क्रान्तिकारी नौजवान सभा, राजस्थान की आम सभा में मेहनतकश जनता से जुड़े मूलभूत मुद्दों को जानने-समझने के अनुभव साझा हुए।

जयपुर (राजस्थान)। आज 14 अगस्त को क्रान्तिकारी नौजवान सभा (केएनएस), राजस्थान की आम सभा झालाना बस्ती जयपुर में हुयी। सभा में युवा साथी, महिला-पुरुष-क्वीर सफाई मज़दूर व अन्य असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर मौजूद रहे और साथ ही हनुमानगढ़, उदयपुर के साथी भी शामिल हुए। सभा क्रान्तिकारी गीतों के साथ शुरू हुयी।

इस बीच साथियों ने आम सभा की भूमिका व महत्व को समझाते हुए पिछले सम्मेलन से इस आम सभा तक संगठन के बैनर तले हुए सांगठनिक कामों के बारे में बताया। साथ ही केएनएस के साथियों ने अपने अनुभव साँझा किये जिसमे बताया कि केएनएस (क्रांतिकारी नौजवान सभा) से जुड़ कर काम करने से बेहतर पढाई करने, देश-दुनिया को जानने, अधिकारों, शोषण व संघर्ष को समझने, बस्ती में आम जन-जीवन के हालत को बेहतर समझने, महिलाओं पर अत्याचार और पितृसत्ता को समझने, दलित अत्याचार और जातिवाद को समझने, LQBTQ+ के संघर्षों को समझने, शिक्षा में जातिवाद, मेहनतकश जनता से जुड़े मूलभूत मूद्दो को जानने और समझने का मौका मिला।

बीजेपी-आरएसएस की धार्मिक नफ़रत की राजनीति का दलित बस्तियों और तमाम बस्तियों के युवाओं पर असर, दलितों और बस्तियों में धार्मिक भाईचारे की आवश्यकता, छुट्टी पढ़ाई वापस शुरू करने का महत्व, संगठन से लगातार जुड़े रहने के महत्व आदि बातों पर भी विचार रखे।

खुले सत्र में सफाई मज़दूरों की सुरक्षा और अधिकार, मालिकों ठेकेदारों द्वारा तनखा न देने, गलत और अन्यायपूर्ण तरीकों से काम से निकाले जाने, स्कूलों में जातिगत भेदभाव, बढ़ती मंहगाई में मुश्किल जीवन, साम्प्रदायिकता, सरकारी स्कूलों के इंग्लिश मीडियम किए जाने की पूरी प्रक्रिया के जातिवादी और गरीब विरोधी पहलू आदि मुद्दो पर चर्चा हुई।

बस्ती के साथियों से ही बस्ती में घरों के पके पट्टे, 8वी या 9वी तक का सरकारी स्कूल और सफाई मजदूरों की हालत के लिए जमीनी संघर्ष करने की मांग भी आई।

साथ ही केएनएस के साथियों ने आज के राजनितिक परिदृश्य के बारे में बताते हुए जनता का राजनितिक रिश्ता क्या है, उसके बारे में बातचीत की। और अंत में भविष्य के लिए योजना तय हुयी और क्रान्तिकारी गीतों के साथ सभा का समापन हुआ।

इस दौरान इन्कलाब जिंदाबाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद, समाजवाद जिंदाबाद, जातिवाद हो बर्बाद आदि नारे लगे।

About Post Author