निजीकरण के खिलाफ व पुरानी पेंशन बहाली के लिए डाक कर्मी रहे एक दिवसीय हड़ताल पर

नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्पलॉयज ने केंद्र सरकार द्वारा डाकघर का निगमीकरण करने, डाकघर बचत बैंक को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैक लिमिटेड में विलय करने का पुरजोर विरोध किया।

हरियाणा के डाक विभाग के कर्मचारी अपनी लंबित मांगों के समर्थन में आज सांकेतिक हड़ताल पर रहे। सुबह से कर्मचारियों ने काम काज ठप रखा। कर्मचारियों ने सुबह GPO अंबाला पर एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल के चलते GPO अंबाला कैंट समेत अन्य डाक घरों पर ताला लटका रहा। ग्राहकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

कर्मचारियों की हड़ताल के चलते आज राखियां व अन्य डाक बांटी नहीं गई। कार्यालय में डाक का ढेर लगा हुआ है। उधर, डाक कार्यालय में रुपए जमा कराने पहुंचे ग्राहकों और पार्सल भेजने पहुंचे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आज बुधवार सुबह पहुंची 50 हजार डाक कल वीरवार को वितरित की जाएगी, ताकि समय पर राखी पहुंच सके।

डाक विभाग के कर्मचारियों ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों के समर्थन में मोर्चा खोला हुआ है। उसी कड़ी में आज देशभर के डाक कर्मचारी अपने-अपने कार्यालयों में धरना देकर रोष प्रकट करेंगे। कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर बड़ा आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्पलॉयज हरियाणा सर्कल के सचिव नरेश गुप्ता ने बताया कि कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के साथ-साथ निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। वे शांतिपूर्ण ढंग से धरना देते हुए कई बार उच्चाधिकारियों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन सरकार का उनकी ओर कोई ध्यान नहीं है। अगर सरकार का यही रवैया रहेगा तो बड़ा आंदोलन करने से चूकेंगे नहीं।

नरेश गुप्ता ने कहा कि विभाग व सरकार डाकघर की सभी छोटी बचत योजनाओं को इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक लिमिटेड को सौंपने जा रही है। 1 अक्टूबर 2018 को स्थापित हुए इस बैंक का घाटा बढ़कर 31 मार्च 2021 की बैलेंस शीट रिपोर्ट के अनुसार 821 करोड़ हो गया है।

शुरुआत में बैंक ने 4 प्रतिशत ब्याज दर दी, लेकिन अब 1 लाख पर 2 प्रतिशत तथा 2 लाख तक की रकम पर 2.25 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा। वर्तमान में छोटी बचत योजनाओं के देशभर से लगभग 30 करोड़ ग्राहक हैं। जनता का 10 लाख करोड़ इन स्कीमों में जमा है, लेकिन सरकार जनता के साथ विश्वासघात कर रही है।

दैनिक भास्कर से साभार

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