विशाखापट्नम में गैस रिसाव; 150 मज़दूर गंभीर, ज्यादातर महिला श्रमिक बनी शिकार

इस क्षेत्र में 2 महीने में ये दूसरी घटना है। मुनाफे की आंधी हवस में आये दिन फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों में मज़दूरों के अंग-भंग होने से लेकर मौत तक सामान्य घटना बनकर रह गया है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अत्छुतापुरम में ब्रांडिक्स नामक विशेष आर्थिक क्षेत्र में सीडस अपैरल इंडिया नामक गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में को गैस लीक हो जाने से अबतक करीब 150 मज़दूर बीमार हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
इस कंपनी में गैस रिसाव 2 अगस्त को हुआ। इनमें 95 से अधिक लोग अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हो हैं। दरअसल महिला श्रमिकों ने साँस लेने में तकलीफ, मतली, आंखों में जलन, पेट दर्द और दस्त की शिकायत की थी। इस क्षेत्र में पिछले 2 महीने में ये दूसरी घटना है।
ज्ञात हो कि ब्रैंडिक्स इंडिया अपैरल कंपनी (बीआईएसी) कपड़ा निर्माण कंपनी में हजारों मज़दूर काम करते हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
जैसा कि होता है इस घटना के बाद राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए है। जांच के लिए आईसीएमार में भी नमूनों को भेजा गया है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गैस का रिसाव जानबूझकर किया गया है या ये महज एक हादसा है।
एक माह पूर्व भी हुई थी ऐसी भयावह घटना
3 जून को ऐसी ही एक घटना हुई जिसमें पास की ही एक कम्पनी पोरस लैब से अमोनिया गैस लीक हो गयी थी। और उस समय 200 मज़दूर महिलाएं मौके पर ही बेहोश हो गयी थीं।
तब प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा पोरस लेब की जांच हुई तो उसको इस घटना के लिये जिम्मेदार माना गया और उसको बंद कर दिया गया लेकिन कुछ समय बाद वो फिर चालू हो गयी।
मुनाफे की आंधी हवस में आज फैक्ट्रियों में मज़दूरों की सुरक्षा के उपाय नाम मात्र के हैं। आये दिन फैक्ट्री के अंदर होने वाली दुर्घटनाओं में मज़दूरों के अंग-भंग होने से लेकर मौत तक सामान्य हादसा बनकर रह गया है।
हालत ये हैं कि जब भी मज़दूरों के साथ फैक्ट्रियों में होने वाली दुर्घटनाये कुछ दिन तक खबर बनती है, जांच के नाम पर खानापूर्ति होती है और फिर सब सामान्य बात बन जाती है।